- नहीं हैं एक्सपर्ट, विभागों में बंद पड़ी हैं मशीनें

- मरीजों को नहीं मिल रही हाईटेक मशीनों की सुविधा

पारुल सिंघल

मेरठ। आम जन को बेहतर सुविधाएं देने के लिए शहर के जिला सरकारी अस्पताल में आंख, कान और खून की जांच के लिए करोड़ों रुपये की हाईटेक मशीनें फिलहाल शोपीस बनकर रह गई हैं। अस्पताल प्रशासन की लापरवाही और सुस्ती के चलते कई दिन बीतने के बाद भी मरीजों को इन मशीनों का लाभ नहीं मिल पा रहा है। अस्पताल में मशीनें अभी तक भी इनस्टॉल नहीं की जा सकी हैं।

नहीं शुरू हो पाई टेस्ट मशीन

जिला सरकारी अस्पताल प्रशासन की लाख कवायदों के बाद स्वास्थ्य विभाग ने हरदोई से डेंगू की जांच के लिए मशीन जिला सरकारी अस्पताल के लिए ट्रांसफर करवाई थी। लेकिन एक महीने बाद भी मशीन को चालू नहीं किया जा सका है।

धूल फांक रहा एनालाइजर

अस्पताल में थायराइड टेस्ट, टीएलसी, डीएलसी टेस्ट और विटामिन टेस्ट के लिए आई बायोकेमिस्ट्री एनालाइजर मशीन भी एक्सपर्ट न होने की वजह से धूल फांक रही है। इस मशीन से एक बार में करीब 13 से 15 सैंपलों की जांच की जा सकती है।

ट्रांसफर हुई हैं मशीनें

जिला सरकारी अस्पताल में रोजाना 1500 करीब मरीज आते हैं। मरीजों को हाईटेक सुविधा देने के लिए यह सभी मशीनें दूसरे शहरों के सरकारी अस्पतालों से ट्रांसफर करवाई गई थीं।

फेको के लिए भी नहीं हैं एक्सपर्ट

आंखों की हाईटेक जांच के लिए आई फेको मशीन भी विभाग में बंद पड़ी है। इस मशीन से बिना टांके के आंख का ऑपरेशन बहुत कम समय में किया जा सकता है।

नहीं हैं एक्सपर्ट

जिला सरकारी अस्पताल में आई मशीनों के लिए अस्पताल प्रबंधन के पास कोई एक्सपर्ट नहीं हैं। ऐसे में गत दिनों आई करीब 11 हाईटेक मशीनें बेकार पड़ी हैं।

मशीनों को ऑपरेट करने के लिए अभी हमारे पास एक्सपर्ट नहीं हैं। एक दो दिन में एक्सपर्ट आ जाएंगे। मशीनें शुरु करवा दी जाएंगी

-डॉ। विक्रम सिंह, लैब इंचार्ज, जिला सरकारी अस्पताल