किसी सम्मान में रुचि नहीं  

ज्ञानयोगाश्रम विजयपुर के संत सिद्धेश्वर स्वामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। उन्होंने पत्र में पद्मश्री पुरस्कार लेने से इंकार किया है। उनका कहना है कि वह पूरे सम्मान के साथ यह पुरस्कार लौटा रहे हैं। इसे अन्यथा न लिया जाए। यह पुरस्कार विभिन्न क्षेत्रों में महान कार्य करने वाले लोगों को दिया जाना चाहिए। वह आध्यात्मिक व्यक्ति हैं, इसलिए उनकी कभी किसी सम्मान में रुचि नहीं रही है। इसके पहले भी उन्होंने कनार्टक विश्वविद्यालय से कुछ वर्ष पूर्व मिली मानद उपाधि को उन्होंने ससम्मान वापस कर दिया था। इसीलिए उन्होंने सरकार को पद्मश्री को लेकर अपनी मंशा जाहिर कर दी है।

तीन स्वरूपों में पद्म सम्मान

पद्म सम्मान भारत सरकार द्वारा किसी भी क्षेत्र में असाधारण और विशिष्ट सेवा के लिए दिया जाता है। यह तीन स्वरूपों में प्रदान किया जाता है। पद्मश्री विशिष्ट सेवा के लिए मिलता है। पद्मभूषण विशिष्ट सेवा में उतकृष्टता के लिए और पद्मविभूषण किसी क्षेत्र में असाधारण प्रदर्शन करने पर मिलता है। एक साल में 120 से ज्यादा पद्म पुरस्कार नहीं दिए जा सकते हैं।

स्वामी सिद्धेश्वर ने इसलि‍ए क‍िया पद्मश्री लेने से इंकार,जानें क्‍या है पद्मश्री,पद्मभूषण व पद्मविभूषण में अंतर

पद्मश्री:

संस्कृत में पद्म का मतलब कमल के फूल से होता है। ऐसे में इस पद्मश्री पुरस्कार में एक कांसे का फूल सम्मान में दिया जाता है।

पद्मभूषण:

इस सम्मान में भी कांसे का बिल्ला दिया जाता है। इसमें भी बीच में कमल का फूल बना होता है।  फूल के ऊपर नीचे पद्मभूषण लिखा रहता है।

पद्मविभूषण:

पद्मविभूषण पद्म पुरस्कारों में सर्वोच्च होता है। इसमें भी कांसे का एक बिल्ला मिलता है। इसके केंद्र में एक कमल का फूल होता है। फूल के ऊपर नीचे पद्म विभूषण लिखा होता है। वहीं बिल्ले के पिछले हिस्से में अशोक चिन्ह बना होता है।

पिता बेरहमी से पीटता रहा और मां वीडियो बनाती रही, जानें कैसे सर्विस सेंटर वालों ने करा दिया गिरफ्तार

National News inextlive from India News Desk