पाकिस्तान ने बनाए थे 314 रन
1998 में ढाका में खेला गया इंडिपेंडेंस कप का तीसरा फाइनल काफी रोमांचकारी था। भारतीय कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन ने टॉस जीतकर पाकिस्तान को बल्लेबाजी का न्योता दिया। पाकिस्तान की तरफ से इजाज़ अहमद और सईद अनवर कि जोड़ी ने अजहर के नाक में दम कर दिया। दोनों ने तीसरे विकेट के लिए 230 रन कि साझेदारी की और भारतीय टीम को बैकफुट पर ढकेल दिया। पाकिस्तानी टीम ने अपने निर्धारित 48 ओवर में 5 विकेट खोकर 314 रन बनाए थे, ऐसे में उस समय इतना बड़ा स्कोर किसी ने नहीं चेस किया था।

गांगुली ने जड़ा शतक

बड़े लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम ने ताबड़तोड़ शुरुवात की। सचिन तेंदुलकर और सौरव गांगुली कि जोड़ी ने महज़ 8 ओवर में 71 रन जोड़ लिए थे। मगर फिर शहीद अफरीदी कि गेंद पर तेंदुलकर आउट हो गए। गांगुली ने अपनी शानदार बल्लेबाजी जारी रखी और शतक पूरा किया। उनका साथ देने आए रॉबिन सिंह ने भी 82 रन जोड़े लेकिन उनके आउट होते ही विकेट की झड़ी लग गई। एक के बाद एक भारतीय बल्लेबाज़ आउट होकर पवेलियन लौट गए। एक समय पर आसान लगने वाली जीत अब मुश्किल लगने लगी। 48 ओवर के मैच में भारतीय टीम ने 47 ओवर ख़त्म होने पर 7 विकेट गवाकर 306 रन बना लिए थे।

 



आखिर में जड़ा एक चौका
आखिरी ओवर में भारत को जीत के लिए 9 रन चाहिए थे और क्रीज़ पर थे हृषिकेश कानिटकर और जवागल श्रीनाथ। इस बीच सक़लैन मुश्ताक अपना अंतिम ओवर लेकर आए। पहली गेंद पर कानिटकर ने एक रन लिया। अगली गेंद पर श्रीनाथ ने दो रन लिए। तीसरी गेंद पर भी श्रीनाथ ने दो रन चुराए। चौथी गेंद पर एक रन आया। अब जीत के लिए दो गेंदों पर 3 रन कि आवश्कता थी। सक़लैन ने कानिटकर के पैरों के पास गेंद फेकी कानिटकर ने बल्ला घुमाया और मिड-विकेट पर शानदार चौका जड़ा और जीत का जश्न मनाया।

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