- कचहरी ब्लास्ट की दसवीं बरसी आज लेकिन अब तक नहीं हो सका है सिक्योरिटी का पुख्ता इंतजाम

- चहारदीवारी ऊंची करने से लेकर सीसी कैमरों से लगायत दूसरे सुरक्षा प्लान अब तक लटके हैं हवा में

बनारस कचहरी में 23 नवंबर 2007 को हुए बम धमाकों ने कितनों की जिंदगी बर्बाद कर दी थी। इस आतंकी वारदात के बाद कचहरी की सुरक्षा को मजबूत करने के न जाने कितने प्लान बने लेकिन आज इस बम धमाके के दस साल पूरे होने के बाद भी एक भी प्लान जमीन पर नहीं उतर सका। हाल ये है कि अब भी लोग कचहरी कैंपस में सुरक्षा के नाम पर भगवान भरोसे ही हैं।

फाइलों से बाहर नहीं आ सकी योजना

कचहरी में हुए ब्लास्ट के बाद परिसर की सुरक्षा को आधुनिक उपकरणों से लैस करने की कई बार प्लानिंग हुई। कचहरी की सुरक्षा के लिए अलग-अलग जगहों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने से लेकर हाई सिक्योरिटी जोन बनाये जाने की चर्चा थी। ये सब कवायद हुई थी कचहरी परिसर में 23 नवंबर 2007 को हुए आतंकी विस्फोट के बाद। इस धमाके में तीन वकीलों समेत सात लोगों की जान चली गई थी और दर्जनों लोग घायल हुए थे। इसके बाद से कचहरी परिसर की सुरक्षा प्रबंध को पुख्ता बनाने का प्रयास चल रहा है लेकिन अबतक सब कुछ फाइलों में ही कैद है।

ये प्लान सिर्फ फाइलों में है कैद

- सुरक्षा के मद्देनजर कचहरी में गेट नंबर एक से ही प्रवेश देने की प्लानिंग

- कचहरी परिसर की चहारदीवारी ऊंची करने की बात कही गई

- जिला न्यायालय में मुकम्मल निगरानी के लिए उच्च क्षमता वाले 60 सीसी कैमरे इंस्टॉल करने की थी प्लानिंग

- इसके लिए कचहरी कैंपस में ही कंट्रोल रुम बनाये जाने की तैयारी थी

- कचहरी कैंपस में आने वालों के लिए 50 लाख से अधिक कीमत का बैगेज स्कैनर आया है लेकिन आजतक इंस्टॉल नहीं हुआ

- इसके अलावा कचहरी के छह गेटों में से चार पर डोर फ्रेम मेटल डिटेक्टर और चार हैंड मेटल डिटेक्टर लेकर सुरक्षाकर्मी मौजूद रहेंगे, लेकिन कुछ हो नहीं सका