एक्सक्लूसिव

- मुंगेर और कनपुरिया अंडरव‌र्ल्ड के गठजोड़ से छोटे गैंग्स तक भी हुई देशी पिस्टल और रिवाल्वर की पहुंच

- कल्याणपुर से चकेरी तक छोटे मोटे बदमाशों के पास भी मौजूद हैं प्रतिबंधित बोर के आधुनिक हथियार

- शहर में पिछले दिनों हुई ज्यादातार वारदातों में अपराधियों ने पिस्टल का किया यूज, मुंगे से हो रही सप्लाई

KANPUR: सिटी के कई गैंगेस्टर्स के पास अब प्रतिबंधित बोर के हथियार पहुंच चुके हैं। बीते दिनों चमनगंज में हिस्ट्रीशीटर गुलाम नबी के कत्ल में इनका प्रयोग हुआ। उसके बाद लालबंगला बाजार में भी दहशत फैलाने के लिए बदमाशों के पिस्टल से फायरिंग करने की बात सामने आई है। तमंचे, बम चलाने वाले इन बदमाशों के पास इस तरह के हथियार होना पुलिस के लिए खतरे की घंटी है।

प्रतिबंधित 9 एमएम की पिस्टल से शहर में पहले भी कई कत्ल हो चुके हैं। डी-ख् गैंग के पास सबसे पहले इस तरह के हथियार आए थे। इसके बाद एम-गैंग ने अपनी कई वारदातों में पिस्टल का प्रयोग किया। अब चकेरी में राजाबाबू गैंग जिसका इलाका चकेरी के ही आसपास का है। उसके पास पिस्टल जैसे हथियार आने का मतलब साफ है कि इन हथियारों तक बदमाशों की पहुंच बेहद आसान हाे गई है।

'मुंगेर' की सिटी में गहरी पैठ

बिहार के मुंगेर से पहले इस तरह के हथियार काफी आते थे। फिर कानपुर की ही एसटीएफ यूनिट ने आगरा के पास एक असलहा फैक्ट्री बीते साल पकड़ी जहां से बड़ी मात्रा में देसी पिस्टलें बरामद की गई थी। वहीं बीते दिनों सिटी में असलहों की अवैध बिक्री में मुंगेर और सिटी के आ‌र्म्स डीलर के बीच हुए खेल के बाद यह बात और पुख्ता हो गई है कि मुंगेर की अवैध असलहा इंडस्ट्री ने सिटी में गहरी पैठ बना ली है।

छोटे गैंग्स ने भी रख्ो शूटर्स

कानपुर के अंडरव‌र्ल्ड में पहले ज्यादातर अपराधी सिटी के अतिसंवेदनशील माने जाने वाले थानों के ही थे। इन गैंगों में चरस, अफीम की बिक्री से लेकर रंगदारी, किडनैपिंग का धंधा होता था। इन गैंग्स के अपने शूटर्स होते थे। लेकिन मौजूदा दौर में कल्याणपुर, पनकी, चकेरी, बर्रा, नौबस्ता जैसे थानों में भी कई गैंग ऑपरेट हो रहे हैं। इनमें से कई के पास दो से तीन शूटर्स भी हैं। आमतौर पर ये चेन स्नैचिंग, पर्स लूट जैसी वारदातों को अंजाम देते हैं। राजाबाबू गैंग की ही बात करें तो इस गैंग में क्फ् से क्ब् एक्टिव बदमाश हैं शामिल हैं।

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इतने गैंग - सरगना - इतने शूटर्स

एम गैंग - मोनू पहाड़ी - क्क्

डी-8फ् - सूरज हबूड़ा - म्

डी-8ख् - छुन्ना -7

डी-8क् - लालता -भ्

डी-80 - गुड्डू -ब्

डी-79 - सुरेंद्र उर्फ डॉक्टर -ख्

डी-78 - नटवर -फ्

डी-77 - रतन - ख्

डी-7म् - राहुल -फ्

डी-7ब् -ऋषि -ख्

डी-7फ्-दीपक-ख्

डी-7ख्-रहमान-ब्

डी-7क्-मुकेश-ख्

डी-70-राज कुमार-म्

डी-म्9-राजेंद्र लोध-7

डी-म्8-दीपक-ख्

डी-म्7-सईद अहमद-फ्

डी-म्म्-अमित-म्

डी-म्भ्-बबलू-ख्

डी-म्ब्-नरेंद्र-भ्

डी-म्फ्-आशीष-म्

डी-म्ख्-पवन-ख्

डी-म्0-युनूस-फ्

डी-भ्9- भोलू-ख्

डी-भ्8-बिंदर-ख्

डी-भ्7-पवन-भ्

डी-भ्म्-राजू गैंग-क्0

डी-भ्भ्- महेश सिंह- क्क्

डी- भ्ब्-पप्पू पेशा- फ्

डी-भ्फ्-आदिल-फ्

डी-भ्ख्-बम्बा-ब्

डी-भ्क्-राजेश-भ्

डी-भ्0-रेवावाला- 8

डी-ब्9-राम लखन-ब्

डी-ब्8- लल्ला-फ्

डी-ब्7-भुर्री-ख्

डी-ब्म्-पट्टू- फ्

डी-ब्भ्- नूर-ब्

डी-ब्ब्-दीपक-ख्

राजाबाबू गैंग- क्ख्

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गैंग्स के पास असलहे-

पिस्टल 9 एमएम, पिस्टल .7ख्बोर, पिस्टल .फ्ख् बोर, रिवॉल्वर, तमंचा-फ्क्भ्, तमंचा-क्ख् बोर, रायफल

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फालोअप-

बृजेश को लगी दो गोलियां

लालबंगला मार्केट में पुलिस के मुखबिर बताए जा रहे ब्रजेश पाल का बुधवार को पोस्टमार्टम हुआ जिसमें उसे दो गोलियां लगने की पुष्टि हुई। एक गोली उसके गले में बाई तरफ से घुस कर पार हो गई। जबकि दूसरी गोली पेट में घुसी मिली है। अत्यधिक खून बह जाने की वजह से बृजेश की मौत की पुष्टि हुई है।

फ् दर्जन लोगों को उठाया

बृजेश के मर्डर की तफ्तीश में लगी चकेरी पुलिस ने फ् दर्जन लोगों को उठाया है। इनमें से कई राजाबाबू गैंग के करीबी है। वहीं राजाबाबू गैंग के कई सदस्य अंडरग्राउड भी हो गए हैं। दुकानदार नौशाद को भी पुलिस हिरासत में लिए हैं। उसकी भूमिका भी संदिग्ध बताई जा रही है।

चौकी इंचार्ज ने दिया कंधा

पोस्टमार्टम के बाद बुधवार शाम को फ्रेंडस कालोनी स्थित ब्रजेश पाल के घर में जब उसकी बॉडी आई तो बड़ी संख्या में इलाकाई लोग जुटे। उसके शव को कंधा देने वालों में चकेरी थाने के चौकी इंचार्ज अनुराग सिंह भी थे। माना जाता है कि ब्रजेश अनुराग का बेहद करीबी था। अनुराग की राजाबाबू की गिरफ्तारी में भी अहम भूमिका थी।