कटरा पर फोकस प्लान के चलते पिछली बार एक नंबर से चूक गया था इलाहाबाद
इस बार के प्लान में कटरा के साथ सिविल लाइंस और त्रिवेणी एरिया को किया था शामिल
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ALLAHABAD: गलतियों से सबक लेकर प्रयास करने वाला ही आगे बढ़ता है। स्मार्ट सिटी लिस्ट में इलाहाबाद का नाम सामने आने के बाद शहर पर यह कहावत एकदम फिट बैठती है। स्मार्ट सिटी की दौड़ में शामिल होने के लिए इस बार अफसरों ने प्लान में व्यापक बदलाव किया। विकास के साथ आमदनी की संभावनाओं पर फोकस रखा। पिछली बार कटरा को फोकस करके प्लान बनाया गया था। इस बार के प्लान में कटरा-ममफोर्डगंज के साथ सिविल लाइंस और त्रिवेणी एरिया को भी शामिल कर दिया गया। फॉर्मूला हिट हो गया और इस एबीपी (एरिया बेस डेवलपमेंट) के आधार पर शहरी विकास मंत्रालय से जारी होने वाली स्मार्ट सिटी की सूची में इलाहाबाद अपना स्थान सुरक्षित करा लेने में कामयाब हो गया। पिछली बार महज एक नंबर से हम चूक गए थे।
क्या था प्लान?
मार्च-अप्रैल में भेजे गए स्मार्ट सिटी प्लान में कटरा के अलावा सिविल लाइंस और त्रिवेणी एरिया को शामिल किया गया था
इसमें बताया गया था कि इन एरिया को डेवलप करके स्मार्ट सिटी की सोच को हकीकत में बदला जाएगा
स्मार्ट सिटी के प्लान में एरिया बेस डेवलपमेंट के तहत 1800 एकड़ एरिया को शामिल किया गया था
इसे नए रूप से सजाते- संवारते हुए 2200 करोड़ रुपये खर्च करने का प्रस्ताव रखा गया था
यह एरिया ग्रीनरी से लैस होंगे।
प्लान में त्रिवेणी स्थल को विशेष स्थान दिया गया था
त्रिवेणी समागम स्थल पर 223 एकड़ एरिया का रीवर फ्रंट डेवलप करने की बात कही गई थी
पर्यटन के हिसाब से संगम किनारे को ऐसा विकसित करने की बात कही गई थी
इसमें समय-समय पर सांस्कृतिक कार्यक्रम कराए जाते रहेंगे
लोग संगम किनारे समारोह का आयोजन कर सकेंगे
इसकी बुकिंग से प्रशासन को आमदनी भी होगी
यह भी था प्लान में शामिल
पैन सिटी के तहत इलाहाबाद को इंटीग्रेटेड सिटी बनाया जाएगा।
एक ऐसा मॉनिटर सेंटर बनाया जाएगा, जहां से पूरे शहर के सिस्टम पर नजर रखी जाएगी।
200 नई बसों की ऐसी खेप उतारी जाएगी, जो नए ट्रैकिंग सिस्टम से लैस होंगी
इंटीग्रेटेड रूट प्लान के तहत ट्रैफिक सिग्नलिंग सिस्टम भी मॉनिटर रूम से ही कंट्रोल होगा
2239.28 करोड़ रुपये कुल खर्च करने का बनाया गया था प्लान
1670.64 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे एबीडी एरिया के विकास पर
568.64 करोड़ रुपये खर्च होंगे पैन सिटी को पूरी तरह विकसित करने में
क्यों पिछड़ गए थे पिछली बार
कटरा और ममफोर्डगंज एरिया को फोकस करके बनाया गया था प्लान
कंजस्टेड एरिया में विकास की संभावनाएं कमजोर थीं
पीपीपी मोड से रेवेन्यू जेनरेट होने की संभावना भी थी कमजोर
रेजीडेंशियल एरिया ज्यादा होने से बिजनेस बढ़ाने की उम्मीद थी कम
विस्तार देने के लिए के लिए भी ठोस प्लान का था अभाव
सफाई के मोर्चे पर था सफल, ट्रैफिक सीवर के मोर्चे पर पड़ गया कमजोर