एलईडी लाइट, सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट और फुटपाथ स्मार्ट सिटी की पहली जरूरत

एरिया बेस्ड डेवलेपमेंट के तहत राम गंगा आवास योजना के लिए भी दिए गए सुझाव

डीएम, डीआईजी, एसएसपी मेयर, सरकारी अधिकारी, व्यापारी, उद्यमी और शिक्षक आए

>BAREILLY:

एलईडी लाइट, सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट और फुटपाथ। बरेली को स्मार्ट सिटी बनाने की पहली तीन बुनियादी जरूरतें मानी गई हैं। एलईडी की रोशनी, कूड़े का सही डिस्पोजल और फुटपाथ स्मार्ट सिटी मुहिम की पहली तीन कड़ी होंगी। ट्यूजडे को विकास भवन में हुई स्मार्ट सिटी की अहम बैठक में कंसल्टेंट एजेंसी ने बरेली को स्मार्ट बनाने के लिए तैयार किए जा रहे प्रोजेक्ट में कंसल्टेंट एजेंसी ने बैठक में आए सरकारी अधिकारियों, व्यापारियों, शिक्षकों, डॉक्टर्स, उद्यमियों और पुलिस अधिकारियों से शहर की इन टॉप थ्री जरुरतों पर उनके सुझाव भ्ाी मांगे।

रोशनी संग सेफ्टी भी

एजेंसी ने स्मार्ट सिटी में पूरे शहर में सोडियम लाईट की जगह एलईडी लाइट्स के यूज को प्राथमिकता दी। बताया कि एलईडी लाइट्स के यूज से टोटल बिल में 40 से 80 फीसदी तक की कमी आएगी। बेशक एलईडी लाइट्स की लागत सोडियम या अन्य लाइट से ज्यादा है, लेकिन 3 से 5 साल में एलईडी से जो बचत होगी, उससे एक्स्ट्रा लागत की भरपाई हो जाएगी। एजेंसी ने बताया कि एलईडी लाइट को सेंसर से भी कंट्रोल किया जा सकेगी। वहीं सर्विलांस के लिए लगाए जाने वाले सीसीटीवी कैमरे में एलईडी का यूज बेहतर है।

ताकि वॉकेबिलिटी हो बेहतर

एजेंसी ने शहर को स्मार्ट बनाने के लिए सॉलिड कचरे के डिस्पोजल को दूसरी बड़ी जरुरत बताया। एजेंसी ने शहर के सारे कचरे के कलेक्शन को अहम कड़ी माना। मीटिंग में डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन मुहिम का भी जिक्र किया गया। इसके बाद एजेंसी ने पब्लिक के लिए शहर में वॉकेबिलिटी या चलने की सुविधा की जरुरत बताई। एजेंसी ने चेन्नई का जिक्र कर नजदीकी जगहों तक पहुंचने के लिए पतली सड़क या फुटपाथ बनाए जाने की जरुरत बताई।

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ब्रेकआउट सेशन में मिले सुझाव

- सरकारी विभागों का सारा डाटा, रिका‌र्ड्स व दस्तावेज ऑनलाइन हो।

- पूरा शहर वाईफाई हो। शहर में कहीं भी इंटरनेट एक्सेस करने की सुविधा मिले।

- स्मार्ट सिटी के लिए जनता को अवेयर करने के लिए बेहतर प्रोग्राम संचालित हो।

- प्लानिंग को अमली जामा पहनाने की कवायद लॉन्ग टर्म के लिए हो।

- प्रदर्शनी, प्रतियोगिता व पोस्टर के जरिए स्मार्ट सिटी की अवेयरनेस मुहिम चलाई जाए।

- पॉलिथीन पर पूरी तरह बैन लगे। इसके इस्तेमाल व एनक्रोचमेंट पर जुर्माना लगे।

- एक या तीन माह में एक बार शहर में कारों के यूज पर पूरी तरह रोक लगे।

- शहर में मल्टीलेवल पार्किंग बने, फुटपाथ बनाए जाएं। सीसीटीवी से नजर रखी जाए।

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रामगंगा आवास योजना टॉप पर

स्मार्ट सिटी मुहिम में एरिया बेस्ड डेवलपमेंट के तहत निगम की ओर से ऑनलाइन वोटिंग में तीन एरिया के डेवलेपमेंट पर जनता से उनकी पसंद पूछी गई थी। इसमें 1500 एकड़ में रबर फैक्ट्री, 775 एकड़ में सीबीगंज और 670 एकड़ में रामगंगा आवास योजना को डेवलेप किए जाने पर वोटिंग कराई गई। जिसमें 55 फीसदी वोट के साथ जनता ने रामगंगा आवास योजना को डेवलेप कराने पर वोट दिया। बैठक में एजेंसी ने एरिया बेस्ड डेवलेपमेंट के तहत चुने गए रामगंगा आवास योजना को बेहतर बनाने के लिए केन्द्र सरकार की गाइडलाइंस में दिए 17 बिन्दु जिम्मेदारों के सामने रख उनसे प्राथमिकता के आधार पर सुझाव सेलेक्ट करने को कहा।

रामगंगा योजना के लिए मिले सुझाव

- नए पाम सिटी में रेन हारवेस्टिंग सिस्टम लागू हो।

- सेनिटेशन की प्रॉपर व्यवस्था। बेहतर सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट।

- पैदल राहगीरों की सुविधा के लिए इकोफ्रेंडली फुटपाथ।

- नॉन मोटराइज्ड ट्रांसपोर्टेशन।

- स्मार्ट पार्किंग व्यवस्था व सोलर एनर्जी का यूज।

- ओपन एरिया का बेहतर व इनोवेटिव इस्तेमाल।

- एनर्जी बचाने वाली इमारतों का निर्माण।

- पब्लिक खासकर महिलाओं, बच्चों व बुजुर्गो की सेफ्टी वाला शहर