- आईजी वूमेन पावर लाइन नवनीत सिकेरा बनाए गए नोडल ऑफिसर

- सर्वे के बाद प्रस्ताव तैयार कर केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजा

- राजधानी में बेखौफ होकर घूम सकेंगी महिलाएं और युवतियां

pankaj.awasthi@inext.co.in

LUCKNOW : स्मार्ट सिटी को लेकर बीते लंबे समय से हो-हल्ला मचा है। लेकिन, एक बेहद अहम कवायद बिना किसी शोर-शराबे के जारी है। दरअसल, केंद्र सरकार के निर्देश पर प्रदेश की राजधानी लखनऊ को 'सेफ सिटी फॉर वूमेन' बनाने की तैयारी शुरू कर दी गई है। आईजी 1090 और इस प्रोजेक्ट के नोडल ऑफिसर नवनीत सिकेरा की देखरेख में राजधानी का सर्वे के उपरांत प्रस्ताव तैयार कर केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेज दिया गया है। उम्मीद की जा रही जल्द ही इस प्रोजेक्ट को हरी झंडी मिल जाएगी और राजधानी में महिलाएं व युवतियां बेखौफ घूम सकेंगी।

तीन कैटेगरी में बनाया गया प्रस्ताव

आईजी नवनीत सिकेरा की देखरेख में तैयार प्रस्ताव तीन कैटेगरी में बदलाव की रूपरेखा तय की गई है। इसके तहत पहली कैटेगरी सेफ सिटी इंफ्रास्ट्रक्चर, दूसरी सेफ सिटी इको सिस्टम और सेफ सिटी साइबर सिक्योरिटी को तीसरी कैटगरी में रखा गया है। इसमें सेफ सिटी इंफ्रस्ट्रक्चर के तहत सिटी में 700 लोकेशंस को चिन्हित किया गया है, जहां पर सीसीटीवी कैमरे लगाने का प्रावधान रखा गया है। यह सभी वह जगह हैं जहां लोगों की आवाजाही है लेकिन, सीसीटीवी सर्विलांस पर नहीं हैं। इन जगहों पर चार तरह के कैमरे एएनपीआर (ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकगनिशन), बुलेट कैमरा, पैनारोमिक कैमरा और रोटेशन कैमरा लगाए जाएंगे। इनकी मदद से हर वक्त उन एरिया पर नजर रखी जा सकेगी। इसके अलावा कैमरा लगी गाडि़यां भी मूव कराने की योजना है।

'पिंक' ट्वॉयलेट और स्ट्रीट लाइट्स पर भी जोर

सर्वे में सिटी के 45 स्थानों को चिन्हित किया गया जहां पर महिलाओं के लिये ट्वॉयलेट्स नहीं हैं। इसे देखते हुए प्रस्ताव में इन सभी 45 जगहों पर महिलाओं के लिये 'पिंक' ट्वॉयलेट्स का प्रावधान किया गया है। इसी तरह सिटी के सूनसान इलाकों में जहां स्ट्रीट लाइट्स नहीं लगीं उन जगहों को भी चिन्हित किया गया है। ऐसी जगहों पर महिलाओं पर सबसे अधिक खतरा मंडराता है। इसी को ध्यान में रखते हुए इन इलाकों में बिजली से संचालित होने वाली स्ट्रीट लाइट लगाने के साथ ही पैरेलल सोलर लाइट भी लगाने का प्रावधान रखा गया है। इसके पीछे मंशा यह है कि लाइट जाने की स्थिति में भी इन इलाकों में रात के वक्त रोशनी रह सके और महिलाएं व युवतियां खुद को सेफ महसूस कर सकें। इसके साथ ही सिटी पुलिस के रिकॉर्ड को देखते हुए छेड़खानी प्रभावित जगहों को चिन्हित कर वहां पर सिक्योरिटी के अतिरिक्त इंतजाम करने की भी योजना को प्रस्ताव में शामिल किया गया है।

माहौल बनाने पर भी ध्यान

प्रस्ताव में दूसरी कैटेगरी सेफ सिटी ईको सिस्टम के तहत महिलाओं के प्रति लोगों को बर्ताव बदलने के लिये भी प्रेरित करने की योजना है। इसमें एक दिन की जेंडर सेनिटाइजेशन ट्रेनिंग देने की तैयारी है। यह ट्रेनिंग पब्लिक डीलिंग वाले सरकारी कर्मचारियों मसलन, पुलिसकर्मियों, एलडीए, नगर निगम, शिक्षा विभाग, परिवहन विभाग के 10 हजार कर्मचारियों को दी जाएगी। इसके अलावा सिटी के 45 हजार स्टूडेंट्स और 2000 पॉवर एंजेल्स को भी एक दिन की ट्रेनिंग से गुजरना होगा। इस ट्रेनिंग में साइकोलॉजिकल ट्रेनिंग, व्यवहार, जेंडर सेनिटाइजेशन और साइबर सिक्योरिटी के बारे में विस्तार से प्रशिक्षण दिया जाएगा।

बॉक्स

बनेगी साइबर लैब

आमतौर पर देखा गया है कि महिलाओं व युवतियों का सोशल मीडिया में मॉर्फ वीडियो या फोटो अपलोड कर उसे परेशान या बदनाम किया जाता है। ऐसी शिकायतों पर तुरंत लगाम लगाने और आरोपियों को दबोचने के लिये प्रस्ताव में स्पेशल साइबर लैब बनाने का प्रावधान किया गया है। यह लैब ऐसी शिकायतों पर कार्रवाई के साथ ही छेड़खानी व अन्य ऐसी घटनाओं के वीडियो जिनसे माहौल बिगड़ने का खतरा हो, पर तुरंत लगाम लगाएगी और इसे वायरल करने वालों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी।

नंबर गेम

700 लोकेशंस पर लगेंगे सीसीटीवी कैमरे

45 जगहों पर बनेंगे लेडीज 'पिंक ट्वॉयलेट'

16 हजार पुलिसकर्मी व सरकारी कर्मचारियों को दी जाएगी ट्रेनिंग

45 हजार स्टूडेंट्स को भी देंगे ट्रेनिंग

वर्जन

महिलाओं व बच्चियों को सड़क व पब्लिक ट्रांसपोर्ट में सबसे ज्यादा सुरक्षा की आवश्यक्ता होती है। प्रस्ताव में इन सभी बिंदुओं को शामिल किया गया है।

नवनीत सिकेरा

- आईजी वूमेन पावर लाइन व नोडल ऑफिसर 'सेफ सिटी फॉर वूमेन'