स्मार्ट सिटी में चंद लोगों को ही घरों में चाहिए स्मार्ट इलेक्ट्रिक मीटर

1.34 लाख सुझाव में सिर्फ एक सौ लोगों ने 'स्मार्ट मीटर एंड मैनेजमेंट फॉर इलेक्ट्रिसिटी' के लिए वोट किया

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स्मार्ट सिटी मिशन के लिए दी जाने वाली सुविधाओं में लोगों को अपने घरों में स्मार्ट मीटर की जरूरत नहीं है। क्योंकि इस मिशन के तहत आये 1.34 लाख सुझाव में मात्र एक सौ लोगों ने ही स्मार्ट मीटर एंड मैनेजमेंट फॉर इलेक्ट्रिसिटी के प्वाइंट पर वोट किया है। यानी इससे साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि लोगों की प्रियॉरिटी में इलेक्ट्रिसिटी का इस्तेमाल करना तो है, लेकिन उसके बिल भुगतान के लिए वह स्मार्ट मीटर नहीं लगवाना चाहते है।

रुकेगी बिजली चोरी

स्मार्ट मीटर एंड मैनेजमेंट फॉर इलेक्ट्रिसिटी को स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में शामिल किया जाएगा। इस स्कीम से बिजली चोरी, बिजली के लॉस को बचाने, बिजली की फिजूल खर्ची और बिजली से जुड़ी सेफ्टी प्वाइंट्स पर काम किया जाएगा। इसका सबसे ज्यादा फायदा बिजली चोरी रोकने में होगा। एक अनुमान के अनुसार सिटी में बिजली चोरी के चलते बिजली विभाग को करोड़ों रुपये का चूना लगता है।

जनता भी नहीं चाहती रुके बिजली चोरी

स्मार्ट सिटी के लिए दिये गये 1.34 लाख सुझाव में इलेक्ट्रिसिटी प्वाइंट पर मात्र एक सौ लोगों का वोट किया जाना इस ओर इशारा कर रहा है कि जनता भी नहीं चाहती कि बिजली चोरी रोकी जाए। जबकि जनता साल के ज्यादातर महीनों में बिजली की कटौती से जूझती रहती है और सरकार को कोसती है।

सबको चाहिए स्मार्ट ट्रैफिक मैनेजमेंट

बनारस की पब्लिक ने जिस तरह से स्मार्ट ट्रैफिक मैनेजमेंट और वेस्ट मैनेजमेंट के लिए सबसे ज्यादा वोट किया है। लेकिन बिजली कटौती और लो वोल्टेज को झेलने वाली पब्लिक ने इस ओर ध्यान ही नहीं दिया है या यूं कहे कि जनता खुद नहीं चाहती की उन्हें स्मार्ट इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई मिले।

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स्मार्ट मीटर और मैनेजमेंट फॉर इलेक्ट्रिसिटी के इंप्लीमेंट से बिजली चोरी को रोका जाएगा और इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई भी दुरुस्त होगी। इसके लिए बिजली विभाग से भी हम बात कर रहे हैं। लेकिन जनता ने इस ओर अपना रुझान नहीं दिखाया है। लगता है वह नहीं चाहती की बिजली चोरी रुके।

एसपी शाही, नगर आयुक्त