LUCKNOW:

लखनऊ में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ रहा है। पिछले दो दिनों से यह एयरलॉक की गिरफ्त में है। हवा स्थिर है और हर ओर धुंध ही धुंध दिखाई दे रही है। गुरुवार को प्रदूषण का स्तर मानक से कई गुना अधिक ब्म्8 दर्ज किया गया। विशेषज्ञों के मुताबिक स्थिति काफी चिंताजनक है। मौसम विभाग के अनुसार शुक्रवार के बाद से इसमें कुछ राहत मिल सकती है।

 

- एक्यूआई की मात्रा बढ़ी, विजिबिलिटी भी हुई कम

- राज्य सरकार ने वायु प्रदूषण रोकने के लिए संबंधित विभागों को भेजे निर्देश

- शुक्रवार के बाद राहत के आसार

 

बहुत जहरीली हो रही हवा

एयरलॉक वह स्थिति है जब वायुमंडल में हवा स्थिर हो जाती है। जिससे प्रदूषण के कण हवा में ही रुके रहते हैं और धुंध बनी रहती है। आस-पास जो दिखाई दे रहा है वह कोहरा है जो धुंध के साथ मिलकर जहरीला स्मॉग बन गया है। हवा में प्रदूषण का पता एयर क्वॉलिटी इंडेक्स से चलता है। राजधानी में लगातार एयर क्वॉलिटी इंडेक्स बढ़ते हुए गुरुवार को ब्म्ब् पहुंच गया। डॉक्टर्स के अनुसार यह खतरनाक स्थिति है। मानकों के अनुसार एक्यूआई क्00 होना चाहिए।

 

सात शहरों की हवा जहरीली

लखनऊ सहित यूपी के सात शहरों की हवा जहरीली हो गई है। नोएडा, लखनऊ, मुरादाबाद, आगरा व कानपुर तो सर्वाधिक खतरनाक श्रेणी में शामिल हो गए हैं। वहां एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) खतरनाक श्रेणी ब्00 से ऊपर पहुंच गया है। गाजियाबाद व वाराणसी में भी एक्यूआई वेरी पुअर श्रेणी में आ गया है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश के बाद प्रदेश सरकार हरकत में आई और संबंधित विभागों को वायु प्रदूषण कम करने के उपाय अपनाने के निर्देश जारी किए। प्रदेश में कृषि अपशिष्ट जलाए जाने पर रोक लगा दी गई है।

 

सात शहरों की हो रही निगरानी

वायु प्रदूषण के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए प्रदेश सरकार ने इन सातों शहरों की ख्ब् घंटे निगरानी शुरू की है। विशेषज्ञ इस जहरीली हवा का मुख्य कारण वाहनों से होने वाले प्रदूषण, उद्योग, ईंट-भट्टे व डीजल जेनरेटर सेट आदि से होने वाले प्रदूषण के साथ ही सड़कों एवं निर्माण कार्य के दौरान उड़ने वाली धूल व कूड़े का जलाया जाना मान रहे हैं। गवर्नमेंट ने इस प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए परिवहन, औद्योगिक विकास, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, लोक निर्माण विभाग, नगर विकास विभाग व आवास एवं शहरी नियोजन डिपार्टमेंट आदि को जरूरी उपाय करने के निर्देश दिए हैं।

 

दिए कई आदेश

प्रदेश सरकार ने एनसीआर क्षेत्र में स्थापित क्0भ् हॉट मिक्स प्लांट एवं स्टोन क्रशर बंद कर दिए हैं। वाहनों के प्रदूषण नियंत्रण के लिए इनकी प्रदूषण जांच के निर्देश दिए गए हैं। प्रमुख सचिव वन एवं पर्यावरण रेणुका कुमार ने बताया कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश का तत्काल पालन कराने के लिए संबंधित विभागों को भेज दिया गया है।

 

हो सकती है परेशानी

नेशनल एंबिएंट एयर क्वॉलिटी स्टैन्डर्डर्स के अनुसार एक्यूआई क्00 से अधिक नहीं होना चाहिए। जबकि डब्ल्यूएचओ का मानक भ्0 है। इससे अधिक एक्यूआई का मतलब ऐसी हवा में सांस लेना खतरनाक है। यह कण हमारे शरीर में प्रवेश कर खून में घुल जाते हैं और अस्थमा, हार्ट सहित अन्य बीमारियां होने का खतरा बढ़ता है। गर्भवती महिलाओं, बच्चों व ओल्ड एज लोगों के लिए यह स्थिति काफी खतरनाक है।

 

वेस्ट यूपी में लगाई रोक

यूपी पाल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने वेस्ट यूपी और एनसीआर एरियाज में ईट भट्ठों, डीजल जेनरेटर, सभी निर्माण कार्यो को तत्काल रोकने के आदेश दिए हैं। साथ ही सभी हॉट मिक्स संयत्रों को बंद करने, वायु उत्सर्जन करने वाले उद्योगों को बंद करने, भवन निर्माण सामग्री को लाए ले जाने, खनन और उत्खनन संबंधी कार्यो को रोकने के आदेश दिए हैं। साथ ही एनसीआर में क्0 वर्ष से अधिक पुराने सभी डीजल वाहन और क्भ् वर्ष से अधिक पुराने पेट्रोल वाहनों को जब्त करने के निर्देश दिए हैं।

 

क्या है पीएम क्0

पीएम यानी पर्टिकुलेट मैटर या हवा में मौजूद छोटे कण होते हैं। ख्.भ् व क्0 इन कणों का साइज है। यदि हम उदाहरण के तौर पर देखे तो हमारे शरीर के बाल पीएम भ्0 के साइज के होंगे। आप अंदाजा लगा सकते हैं कि प्रदूषण फैलाने वाले ये कण कितने छोटे होते हैं।

 

राजधानी में गुरुवार को एक्यूआई

9 नवंबर ब्म्8

8 नवंबर ब्फ्0

7 नवंबर फ्म्भ्

म् नवंबर फ्फ्म्

भ् नवंबर फ्ब्8

ब् नवंबर फ्भ्9

फ् नवंबर फ्ब्9

ख् नवंबर फ्ख्ख्

क् नवंबर फ्0क्

 

यूपी के शहरों में प्रदूषण

आगरा-ब्ब्9

गाजियाबाद-फ्7ख्

नोयडा-ब्9ब्

वाराणसी-फ्फ्ब्

मुरादाबाद-ब्ख्7

कानपुर-ब्ब्भ्

 

 

आप भी रहें सतर्क

-अपने आस पड़ोस में धूल न उड़ने दें

-कागज, अगरबत्ती, किसी प्रकार का कचरा जलाने से बचें

-अगर आप अस्थमा के मरीज हैं तो बाहर निकलने से बचें

-सांस के रोगी मॉस्क पहन कर ही बाहर निकलें

-सांस रोगी अपने साथ दवा रखें और दिक्कत होने पर डॉक्टर को दिखाएं