ALLAHABAD: जैसे-जैसे स्मॉग बढ़ रहा है, सांस के मरीजों की संख्या में इजाफा भी होने लगा है। ओपीडी में पांच से दस फीसदी मरीज बढ़ गए हैं। इनमें अधिकतर मामले एलर्जी के हैं। डॉक्टरों का कहना है कि सुबह धूप निकलने से पहले और शाम को दिन ढलने के बाद बारह निकलने में सावधानी बरतनी चाहिए। अधिक पॉल्यूशन हो तो मास्क का यूज किया जाना चाहिए।

 

मार्निग वॉकर्स दें ध्यान

पिछले एक सप्ताह से शहर में स्मॉग का प्रकोप लगातार बढ़ रहा है। हवा में पॉल्यूशन की डेंसिटी बढ़ने से खासकर सुबह और शाम के समय हल्की धुंध छा रही है। डॉक्टरों का कहना है कि कोहरा और धूल के कण मिलकर स्मॉग बनाते हैं और यह सांस के लिए काफी खतरनाक है। खासकर मार्निग वॉकर्स को ध्यान देना होगा। अर्ली मार्निग स्मॉग की अधिकता होने से लोगों को सांस की समस्या से जूझना पड़ सकता है। दमा, सीओपीडी के साथ एलर्जी की शिकायत के मरीजों की संख्या पांच से दस फीसदी तक बढ़ गई है। जो कि दिसंबर व जनवरी के महीने में चिंता का सबब बन सकता है।

 

ठंड में जैसे-जैसे इजाफा होगा, स्मॉग की समस्या बढ़ती जाएगी। इससे बचने के लिए शाम और सुबह के समय सावधानी बरतनी होगी। अधिक ठंड होने पर स्मॉग की समस्या दिन के समय में भी परेशान कर सकती है।

-डॉ। आशुतोष गुप्ता, चेस्ट स्पेशलिस्ट

 

सांस के मरीज आ रहे हैं। धूल और कोहरे की वजह से धुंध लोगों के गले में एलर्जी पैदा कर रही है। इससे बचने के लिए लोगों को जागरुक होना होगा।

-डॉ। ओपी त्रिपाठी, फिजीशियन