BAREILLY:

दिल्ली एनसीआर की तरह बरेली की आबोहवा को भी स्मॉग निगल रहा है। पर्यावरण को प्रभावित करने वाले तमाम कारणों समेत शहर में घटते घास के मैदान और मैदान से खत्म हो रही घास भी स्मॉग की प्रमुख वजह हैं। कम हो रही घास के चलते शहर के अलग-अलग इलाकों में प्रदूषण का स्तर बढ़ा है। यह खुलासा बरेली कॉलेज बरेली के बॉटनी विभाग के एमरिट्स प्रोफेसर डीके सक्सेना और उनकी टीम की ओर से किए गए शोध में हुआ है। पढि़ए

 

पर्यावरण संतुलन में योगदान

शोध के मुताबिक मैदान से खत्म हो रही घास की वजह से पर्यावरण संतुलन बिगड़ रहा है। घास वातावरण की हवाओं में घुली हानिकारक गैसेज को अवशोषित करती हैं। इसके बाद रात में वह अवशोषित गैसेज को छोटी-छोटी बूंदों में परिवर्तित कर देती हैं, जिसकी वजह से घास पर सुबह नमी सी रहती है। यह नमी धूल के कणों पीएम ख्.भ् को अवशोषित और पीएम क्0 को पत्तों पर चिपकाकर स्मॉग के कहर को करीब भ्0 परसेंट तक कम करती है। घास की नमी से जमीन भी उपजाऊ होती है। घास खत्म होने से जमीन की उर्वरकता प्रभावित होने की संभावना जताई है।

 

दोगुना से भी ज्यादा बढ़ा स्मॉग

प्रोफेसर सक्सेना के मुताबिक धुंध हमेशा सी हो रही है, लेकिन इसका कहर न के बराबर था। बताया कि साधारण कोहरे में भी पीएम ख्.भ् का स्तर म्0 और पीएम क्0 का स्तर 80 रहता है। वर्ष ख्00म् में जब इन पार्टिकल्स का स्तर रिकॉर्ड किया गया था। तब दोनों ही क्क्0 के बीच ही दर्ज हुए थे, लेकिन अब यह ख्00 के ऊपर दर्ज किए जा रहे हैं। जो कि दोगुने से भी अधिक है। ऐसे में बढ़ रहे धुंध के पार्टिकल्स की वजहों को तलाशा गया तो बढ़ते जा रहे वायु प्रदूषण के साथ ही मैदानों से खत्म हो रही घास भी वजह निकलकर सामने आई। टीम ने मैदानों को हरा भरा करने का सुझाव दिया है।

 

न रहे मैदान न मैदानों में घास

शोध के अनुसार शहर में क्0 वर्षो पहले मैदानों में घास होती थी। स्पो‌र्ट्स स्टेडियम, दशहरा ग्राउंड, स्कूलों के प्ले ग्राउंड, बिशप मंडल ग्राउंड, जीआईसी ग्राउंड समेत इलाकों में भी काफी मैदान थे। मेन ग्राउंड्स से घास कम हुई तो इलाकों से ग्रीन लैंड कम हो चली है। जिन पर कंक्रीट के जाल समेत सड़कों का चौड़ीकरण होना मुख्य वजह है।

 

घट रही ग्रीन लैंड

- राजेंद्र नगर

- मॉडल टाउन

- सैटेलाइट

- रामपुर रोड

- बदायूं रोड

- नैनीताल रोड

- सिविल लाइंस

- सुभाष नगर

 

कहां, कितना बढ़ा स्मॉग पार्टिकल्स

एरिया वर्ष ख्00म् वर्ष ख्0क्7

मॉडल टाउन 90 ख्क्0

राजेंद्र नगर 8भ् ख्क्0

कर्मचारी नगर 80 क्90

चौकी चौराहा क्0भ् ख्फ्0

कैंटोनमेंट 70 क्म्ब्

सेटेलाइट क्00 ख्90

सीबीगंज 80 ख्ब्0

नोट - वर्ष ख्00म् और ख्0क्7 में प्राप्त स्मॉग पार्टिकल्स पीएम क्0 और पीएम ख्.भ् का ज्वॉइंट रेसियो है।

 

बढ़ती जा रही धुंध को देखते हुए शोध किया गया। फाइंडिंग में पता चला कि शहर के कई एरिया में ग्रीन लैंड खत्म हो चली है। वहीं, ग्राउंड्स में भी घास न होने से धूल उड़ रही है। घास में आ रही कमी के चलते स्मॉग का कहर बढ़ रहा है जो खतरनाक है।

डीके सक्सेना, एमिरेट्स प्रोफेसर, डिपार्टमेंट ऑफ बॉटनी, बीसीबी