- जंगल के रास्ते नेपाल और बंगाल से अजगर और मगरमच्छ की रेयर स्पीशीज लाए जा रहे शहर

-सिटी के एक्वेरियम सेंटर्स बने हैं जीवों की तस्करी का अड्डा

i breaking news

utkarsh.srivastava@inext.co.in

GORAKHPUR: शहर में रेयर स्पीशीज की तस्करी जोरों पर है। दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट की तहकीकात में यह बात सामने आई है। जंगल के रास्ते बंगाल से लेकर नेपाल तक से इन जीवों की तस्करी हो रही है। शहर में बड़े पैमाने पर इनकी मांग है। कहीं पर यह जीव घरों में लगे एक्वेरियम की शोभा बढ़ा रहे हैं। तो कहीं पर लोग रेयर स्पीशीज ब‌र्ड्स वगैरह को अपना निवाला बना रहे हैं।

शौक ने बढ़ाई तस्करी

गोरखपुराइट्स के खतरनाक जीवों के पालने के इस शौक से तस्करों की चांदी हो गई है। यूं तो सिटी में ऐसे जीवों के कई सप्लायर हैं लेकिन यह आम आदमी की पहुंच में नहीं हैं। सप्लायर इतने सावधान हैं कि वे सिर्फ पुराने कस्टमर या उसके पहचान वाले को ही सप्लाई देते हैं। यह तस्कर सिटी में फिश बेचने वाले दुकानदार के सीधे संपर्क में रहते हैं। जैसे ही किसी दुकानदार से कोई कस्टमर इस तरह के जीव की डिमांड करता है, दुकानदार तस्कर को ऑर्डर दे देता है। ऑर्डर के बाद ही ऐसे जीव लाए जाते हैं और तुरंत ही कस्टमर तक पहुंच जाते हैं। इस कारण यह दुकानों में नजर नहीं आते।

स्टेटस दिखाने के लिए कुछ भी

खतरनाक जानवरों को एक्वेरियम में पालने के पीछे अपना स्टेटस अलग दिखाने की होड़ है। एक्वेरियम में फिश तो अब आम बात है। कुछ अलग दिखने के लिए लोग अपने एक्वेरियम में अब मगरमच्छ, अजगर जैसे जीवों को पाल रहे हैं। सिटी में इस शौक पर करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं।

इंजेक्शन से रोक देते हैं लंबाई

मगरमच्छ, अजगर जैसे जीव काफी खतरनाक हैं। इन्हें पालने वालों को क्या इनसे डर नहीं लगता? इस बात की जब दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने तहकीकात की तो इसके पीछे बड़ा नेटवर्क सामने आया। सूत्र बताते हैं कि अजगर और मगरमच्छ की साइज बड़ी न हो, इसके लिए शौकीन इन्हें एक स्पेशल इंजेक्शन व फूड देते हैं। जिससे इनकी साइज एक फुट से अधिक नहीं बढ़ पाती। हालांकि इनका दावा है कि इससे जीवों पर कोई खतरा नहीं होता लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह के इंजेक्शन के प्रयोग से जीवों की जिंदगी खतरे में पड़ सकती है या उनकी उम्र घट सकती है।

इन जानवरों की हो रही तस्करी

-अजगर

-मगरमच्छ

-कछुआ

-गिरगिट

-समुद्री मेढक

-एलीगेटर गार (एक खास तरह की मछली, जो अजगर से भी खतरनाक होती है.)

वर्जन

अजगर या मगरमच्छ की रेयर स्पीशीज को बेचना या पालना भी वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन एक्ट के तहत अपराध है। हालांकि अजगर में जहर तो नहीं होता, लेकिन यह सांप की दुर्लभ प्रजाति है। जो साइज बढ़ने पर खतरनाक साबित हो सकता है।

-चंदन प्रतीक, वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट

----------

फिलहाल इस तरह का कोई मामला मेरे संज्ञान में नहीं है, लेकिन अगर ऐसा है तो यह बेहद गंभीर विषय है। टीम लगाकर इसकी जांच कराई जाएगी। अगर कहीं भी इस तरह का काम होते मिला तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

-एनके जानू, डीएफओ