RANCHI : रांची यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स यूनियन इलेक्शन को लेकर स्टूडेंट्स ऑर्गनाइजेशंस के कड़े तेवर ने यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। एक तरह आजसू ने स्टूडेंट्स यूनियन इलेक्शन का नोटिफिकेशन 25 अगस्त तक जारी नहीं होने पर सामूहिक आत्मदाह की चेतावनी दी है, तो दूसरी ओर छात्रों के कई संगठन डायरेक्ट इलेक्शन नहीं कराने पर आंदोलन करने की धमकी दे रहे हैं। वैसे यूनिवर्सिटी में स्टूडेंट्स यूनियन इलेक्शन की सुगबुगाहट तेज हो चली है। वोटर लिस्ट को लेकर शिड्यूल जारी कर दिया गया है। अब इलेक्शन का नोटिफिकेशन जारी होने का इंतजार है।

ऑब्जेक्शंस की जा रही है दर्ज

स्टूडेंट्स यूनियन इलेक्शन को लेकर स्टूडेंट्स ऑर्गनाइजेशंस की ओर से यूनिवर्सिटी में ऑब्जेक्शंस दर्ज कराई जा रही है। गुरुवार को एस अली के नेतृत्व में झारखंड छात्र संगठन के प्रतिनिधिमंडल ने प्रो वीसी डॉ रजीउद्दीन अहमद को एक मेमोरेंडम सौंपा, जिसमें डायरेक्ट इलेक्शन कराने की मांग की गई है। इससे पहले एनएसयूआई ने भी वीसी से स्टूडेंट्स यूनियन इलेक्शन डायरेक्ट प्रॉसेस से कराने की मांग की है। डायरेक्ट इलेक्शन नहीं होने पर एनएसयूआई ने आंदोलन की चेतावनी दी है। झारखंड छात्र मोर्चा भी डायरेक्ट इलेक्शन कराने की मांग पर अड़ा हुआ है। मोर्चा का कहना है कि डायरेक्ट प्रॉसेस नहीं अपनाए जाने पर स्टूडेंट्स यूनियन इलेक्शन का विरोध किया जाएगा।

25 तक जारी हो नोटिफिकेशन

स्टूडेंट्स यूनियन इलेक्शन के नोटिफिकेशन जारी होने में हो रहे विलंब से आजसू नाराज है। इसे लेकर आजसू के मेंबर्स ने बुधवार को यूनिवर्सिटी हेडक्वार्टर में रजिस्ट्रार ऑफिस में धरना भी दिया और जमकर नारेबाजी भी की। इसके बाद प्रो वीसी से मिलकर आजसू ने चेतावनी दी कि 25 अगस्त तक इलेक्शन का नोटिफिकेशन जारी नहीं होने पर वे सामूहिक आत्मदाह करेंगे।

कहीं कैंसिल न हो जाए

रांची यूनिवर्सिटी में स्टूडेंट्स यूनियन इलेक्शन को लेकर जिस तरह स्टूडेंट्स ऑर्गनाइजेशंस तेवर दिखा रहे हैं, ऐसे में यूनिवर्सिटी के लिए इलेक्शन कराना आसान नहीं होगा। खासकर इलेक्शन का नोटिफिकेशन जारी होने के बाद अगर स्टूडेंट्स ऑर्गनाइजेशंस विरोधी तेवर अपनाते हुए आंदोलन करते हैं तो इलेक्शन के होने पर ही ग्रहण लग सकता है। 2012 में भी स्टूडेंट्स यूनियन इलेक्शन कराने के पहले की सारी प्रक्रियाएं पूरी होने के बाद इलेक्शन को सिर्फ इसलिए कैंसिल कर दिया गया था कि स्टूडेंट्स ऑर्गनाइजेशंस विरोध जता रहे थे।