- एसईई की प्रक्रिया के लिए यूपीटीयू शामिल करेगा नया सॉफ्टवेयर

- कैंडीडेट्स को खुद भरना होगा एंट्रेंस एग्जाम व इंटरमीडिएट का मा‌र्क्स

shyamchandra.singh@inext.co.in

LUCKNOW: उत्तर प्रदेश टेक्निकल यूनिवर्सिटी (यूपीटीयू) के 700 से अधिक इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट कॉलेजों में एडमिशन के लिए चल रही संयुक्त प्रवेश परीक्षा (एसईई) में आवेदन प्रक्रिया में संडे तक ख्ब् हजार से अधिक कैंडीडेट्स ने आवेदन किया है। यूपीटीयू प्रशासन ने इस बार काउंसिलिंग में अयोग्य कैंडीडेट्स को काउंसिलिंग से बाहर रखने के लिए नया तरीका ईजाद है। यूपीटीयू ने इसके लिए एक सॉफ्टवेयर बनाया है।

कैडीडेंट्स को भरना होगा मा‌र्क्स

एसईई के कोऑडिनेटर डॉ़ जेपी सैनी ने बताया कि हर बार कम मा‌र्क्स पाने वाले अयोग्य कैंडीडेट्स भी काउंसिलिंग में आकर भीड़ बढ़ा देते हैं। काउंसिलिंग की फीस जमा भी कर देते हैं। ऐसे में कैंडीडेट्स का नुकसान तो होता ही है। कई बार काउंसिलिंग सेंटर पर ऐसे कैंडीडेट्स अव्यवस्था भी उत्पन्न करते हैं। इसे देखते हुए पहली बार एसईई की प्रक्रिया में चेंज किया गया है। अभी तक काउंसिलिंग में एंट्रेंस एग्जाम का मा‌र्क्स ऑटोमेटिक ही कैंडीडेट्स के नाम के साथ आ जाता था, लेकिन अब कैंडीडेट्स को अपना डाटा भरते समय एंट्रेंस एग्जाम के मा‌र्क्स खुद भरना होगा। अगर कैंडीडेट्स कटऑफ से कम मा‌र्क्स पाया होगा तो उसका डाटा फीड नहीं होगा। वह कैंडीडेट काउंसिलिंग के लिए अयोग्य हो जाएगा। यह काम कैंडीडेट्स को अपनी लॉगइन आईडी से करना होगा।

तभी अलॉट होगी सीट

डा़ॅ सैनी ने बताया कि जो कैंडीडेट इंटरमीडियट के एग्जाम दे रहे हैं उनका पूरा विवरण भी इंटरमीडियट एग्जाम का रिजल्ट आने के बाद भरा जाएगा। अगर कैंडीडेट्स निर्धारित मानक से कम मा‌र्क्स इंटरमीडियट में पाता है तो सॉफ्टवेयर खुद ही उसे अयोग्य कर देगा। सॉफ्टवेयर उसका डाटा फीड नहीं होने देगा। कैंडीडेट काउंसिलिंग से बाहर हो जाएगा। डॉ़ सैनी ने बताया कि कैंडीडेट्स की ओर से भरा गया एंट्रेंस एग्जाम और इंटरमीडिएट का मा‌र्क्स ही लास्ट नहीं होगा। इसका वेरीफिकेशन काउंसिलिंग सेंटर्स पर डॉक्यूमेंट्स वेरीफिकेशन के दौरान भी किया जाएगा। वहां से वेरीफाई होने वाले कैंडीडेट्स को ही सीट आवंटन की प्रक्रिया में शामिल किया जाएगा।