फेसेट नाम के इस सॉफ्टवेयर में खुशी, दुख, गुस्सा, डर, सरप्राइज,डिस्गस्ट और कंटैम्प्ट जैसे सातों तरह के एक्सप्रेशंस का पता लगाने के लिए एक ऑर्डिनेरी डिजिटल कैमरे का यूज किया गया है. कैलिफोर्निया में एस्टैब्लिश्ड कंपनी इमोशेंट के को फॉउंडर और चीफ रिसर्चर मरियान बार्टलेट ने बताया, आमतौर पर लोगों के कहने, करने और सोचने में काफी अंतर होता है. वे कहते कुछ हैं , सोचते कुछ हैं और करते कुछ हैं.

ये सॉफ्टवेयर सिर्फ एक इमेज के जरिए व्यक्ति के चेहरे पर मौजूद एक्सप्रेशंस को पढक़र इस डिफरेंस को काफी हद तक कम कर सकता है. किसी वीडियो के दौरान फेसेट का यूज ज्यादा सटीक नतीजे दे सकता है. वीडियो के दौरान सॉफ्टवेयर के लिए माइन्यूट एक्सप्रेशंस को पकडऩा भी आसान हो जाता है. यहां तक की चेहरे पर कोई एक्सप्रेशंस नहीं होने की कंटीसन में भी माइन्यूट एक्सप्रेशंस उभरते रहते हैं. इन्हें आंखों से पहचानना पॉसिबल नहीं है लेकिन सॉफ्टवेयर की हेल्प से इनकी स्टडी की जा सकती है. बार्टलेट ने कहा, फेसेट फेक स्माइल को भी पकड़ लेगा.
लोग जब वास्तव में हंसते हैं तो ओरबीक्युलरीज ओकुली नाम की एक मसल श्रिंक होती है जिससे चेहरे पर रिंकल्स पड़ जाती हैं. ये सॉफ्टवेयर चेहरे पर पड़ी रिंकल्स के बेसिस पर बता सकता है कि हंसी फेक है या रियल.

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