- फलों को चमकाने के लिए हो रहा ग्रीस का उपयोग

-कार्बाइट और दूसरे केमिकल्स से पकाए जा रहे फल

- दुकानों पर बिकने वाले जूस में भी मिलावटी

Meerut: गर्मी का मौसम आ चुका है। धूप में घूमते हुए सिटी के चौराहों पर बिक रहे जूस को पीने का मन तो करता ही होगा। अगर आप भी गर्मी मिटाने और सेहत बनाने के लिए जूस पी रहे हैं तो ये आपके लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है। क्योंकि इसमें मिलावट का रंग मिलने लगा है।

फलों में इंजेक्शन

केले, पपीता, आम, चीकू को पकाने के लिए इसमें कार्बाइट समेत अन्य केमिकलों का इस्तेमाल तेजी से किया जा रहा है। यही नहीं फलों को चमकाने के लिए ग्रीस, गाडि़यों से निकल रहे आइल और मोम का धड़ल्ले से प्रयोग हो रहा है।

जूस भी खतरनाक

केमिकल में पकाए जाने वाले फलों का जूस भी उतना ही खतरनाक साबित हो सकता है जितने फल। ये आपको बीमारियां दे सकता है। असल में जूस को बनाने के लिए जो पानी उपयोग किया जाता है, वो भी शुद्ध नहीं है। इसमें मिलाई जाने वाली बर्फ भी साफ नहीं होती है। वहीं इसमें मिलाए जाने वाले फ्लेवर और कलर भी आपकी सेहत बिगाड़ सकते हैं।

हो सकता है कैंसर

डॉक्टर्स की मानें तो जिस तरह से फलों में कार्बाइट समेत अन्य केमिकल का इस्तेमाल किया जा रहा है, उनसे कैंसर रोग भी हो सकता है। वैक्सीनेशन के लिए उपयोग किए गए केमिकल्स और आयल में हाइड्रोकार्बनहोता है। ये धीमी गति से लेकिन गहरा असर करते हैं और बाद में गंभीर बिमारियों का कारण बन सकते हैं। इनसे लीवर डैमेज, कैंसर, नोजिया, गैस्ट्रोएंट्राइटिस आदि होता है। फूड पाइजनिंग से अस्थमा, लीवर की बीमारियां, आंतों का कैंसर होता है।

इन फलों को पकाने में जिस तरह से केमिकल का इस्तेमाल हो रहा है। इससे गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। केमिकल का इस्तेमाल करने से ये फल नुकसान पहुंचाते हैं।

-डॉ। संदीप कुमार, गेस्ट्रोएंट्रोलॉजिस्ट