RANCHI: तू तो मर कर भी अमर हो गया मेरे लाल। लेकिन मैं अब बेटा किसे कहूंगी इतना कहते ही शहीद कुलदीप लकड़ा की बूढ़ी मां डोरोथी कुजूर दहाड़ मार-मार कर रोने लगीं। वहीं, बहनों के चित्कार से पूरे गांव का माहौल गमगीन हो गया। जम्मू कश्मीर के बाटालिक सेक्टर में म् अप्रैल को हिमस्खलन में शहीद हुए सेना के जवान कुलदीप लकड़ा का शव सोमवार को उनके पैतृक गांव रांची के मांडर बिसाहाखटंगा जोल्हाटोली पहुंचा। मौके पर मौजूद लोगों की आंखों के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे।

तिरंगे में लिपटा पहुंचा शव

सेना के वाहन में तिरंगे में लिपटा शहीद का पार्थिव शरीर गांव पहुंचा, तो कुलदीप लकड़ा अमर रहें के नारों से पूरा इलाका गूंज उठा। पूरे सैनिक सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। इसमें सेना के जवानों के साथ स्थानीय प्रशासन के आधिकारियों के अलावा बड़ी संख्या में स्थानीय लोग पहुंचे।

अंतिम दर्शन को उमड़ी भीड़

इस दौरान ही नवांटांड़ पल्ली के पुरोहित सेप्रेयिन बा ने विशेष मिस्सा अनुष्ठान सम्पन्न कराया। इसके बाद शहीद के अंतिम दर्शन के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। सभी तिरंगे में लिपटे अपने मिट्टी के लाल की एक झलक पाने को बेताब थे। साथ में आए सेना के जवानों ने अपने शस्त्रों के साथ शहीद को अंतिम सलामी दी। शहीद की अंतिम यात्रा में विधायक गंगोत्री कुजूर, जिप सदस्य हेमलता उरांव, सुनील उरांव, सुशीला एक्का, प्रमुख अनिता देवी, भोला उरांव, डीएसपी पी के सिंह, सीओ मुमताज अंसारी, इंस्पेक्टर मधुसूदन सिंह, थाना प्रभारी रामनारायण सिंह, रूपेश कुमार सिंह सहित बड़ी संख्या में अन्य मौजूद थे।