सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट को लेकर शहरी विकास मंत्री ने दिए निर्देश

- सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट पर निकायों में होंगी अलग योजनाएं

-डोर-टू-डोर कूड़ा के लिए अब बनेंगे कलेक्शन सेंटर्स

DEHRADUN: सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के लिए नगर निगम, पालिकाएं व नगर पंचातयों में अब अलग योजनाएं बनेंगी। साथ ही डोर-टू-डोर उठाये जाने वाले कूड़े के लिए कलेक्शन सेंटर बनाये जाएंगे।

जैविक व अजैविक की होगी छंटनी

थर्सडे को शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने विधानसभा स्थित सभागार में शहरी विकास से संबंधित तमाम योजनाओं की समीक्षा बैठक ली। शहरी विकास मंत्री ने सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट योजना की समीक्षा बैठक में अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि डोर-टू-डोर कलेक्शन सेटरों पर जैविक व अजैविक वेस्ट की छटनी की जाए। जैविक पदार्थो का उपयोग खाद बनाने और अजैविक पदार्थो को बेचने की कार्य योजना बनायी जाए। शहरी विकास मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन शत-प्रतिशत सुनिश्चित किया जाए।

स्पेशलिस्ट की होगी नियुक्त

शहरी विकास मंत्री ने निर्देश देते हुए कहा कि हरहाल में दिसंबर तक खाद बनाने वाली मशीनों की खरीद की जाए। ऐसे शहरों में कलेक्शन सेंटर व खाद बनाने के कार्यो को प्राथमिकता दी जाय, जहां सॉलिड वेस्ट की डंपिंग के लिए जमीन का अभाव है। उन्होंने निर्देश दिये कि सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के लिए आवश्यकतानुसार विशेषज्ञों की नियुक्ति की जाए। छत्तीसगढ़ में सफल इस योजना का व्यापक अध्ययन करने के बाद योजना प्रस्तुत की जाए। हिदायत दी कि गंगा नदी के किनारे स्थापित शहरों में सॉलिड वेस्ट के प्रबंधन पर विशेष ध्यान दिया जाए। निर्देश दिए कि डोर टू डोर कूडा उठाये जाने से संबंधित कार्यो का स्थलीय निरीक्षण होगा और रुड़की शहर के वेस्ट के लिए शहरी विकास की योजनाओं के अन्तर्गत ही कूड़े के प्रबंधन की व्यवस्था होगी।

सेल्टर फॉर अर्बन होमलेस में यात्रा मार्ग पहले

शौचालय निर्माण कार्यो पर शहरी विकास मंत्री ने निर्देश दिए कि व्यक्तिगत घरेलू शौचालय निर्माण के क्षेत्र में सभी नगर निकाय अगले साल मार्च तक ओडीएफ (खुले में शौच मुक्त) होने चाहिए। सामुदायिक, सार्वजनिक शौचालय के निर्माण कार्य भी तेजी से पूरे होंगे। सेल्टर फॉर अर्बन होमलेस योजना पर शहरी विकास मंत्री ने कहा कि रैन बसेरों के निर्माण चार धामों के लिए पहुंचने वाले मार्गो पर स्थित शहरों जैसे ऋषिकेश, श्रीनगर, देवप्रयाग आदि शहरों में प्राथमिकता के आधार पर किये जाए। इन स्थानों पर करीब पांच हजार यात्रियों के रुकने की व्यवस्था के अनुसार रैन बसेरों का निर्माण किया जाय। जिनमें बुजुर्गो व दिब्यांगजनों को फ्री सुविधा मिले।