- बीएचयू में हुई घटना का मास्टर माइंड कौन? दिन भर होती रही चर्चा

- एडमिनिस्ट्रेशन और पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी उठे सवाल

VARANASI: बीएचयू में हुई इतनी बड़ी घटना के पीछे किसका दिमाग काम कर रहा था, यह एक बड़ा सवाल है। चर्चा रही कि इन दो दिनों में हुए बवाल में छात्रों के साथ जमकर राजनीति हुई है। छात्र राजनीति करने निकले थे लेकिन वे ही राजनीति का शिकार हो गये। स्टूडेंट्स का भी खुद भी यही कहना था। दबी जुबान में बीएचयू के स्टॉफ से लेकर स्टूडेंट्स हर कोई दो तीन सीनियर प्रोफेसर्स को इस पूरी घटना का जिम्मेदार मान रहा है। लड़ाई एक दिन पहले तक स्टूडेंट्स वर्सेज बीएचयू एडमिनिस्ट्रेशन के बीच काउंसिल इलेक्शन के विरोध को लेकर थी वो अचानक ब्रोचा और बिरला हॉस्टल के बीच की लड़ाई बदल गयी। कोई तो था जो स्टूडेंट्स की पीठ पर अपनी रोटी सेंक रहा था। दूसरी बात एक दिन पहले इतनी बड़ी घटना हुई और रात में कैंपस से सारी फोर्स हटा ली गयी। इस समय तक बीएचयू कैंपस के सुरक्षा की जिम्मेदारी डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन अपने हाथ में ले चुका था। किसके कहने पर हॉस्टल के सामने से फोर्स हटायी गयी।

बाहरियों ने लगायी है आग

घटना में पीडि़त स्टूडेंट्स का कहना था कि बिरला हॉस्टल में बड़ी संख्या में बाहरी लोग पहुंचे थे और सुबह होते ही उन्हेांने इस घटना को अंजाम दिया। अगर बीएचयू कैंपस में बिरला हॉस्टल के पास पुलिस होती तो ये बाहरी तत्व अंदर हॉस्टल में नहीं पहुंच पाते। अगर यह भी मान लिया जाये कि बाहरी तत्व नहीं थे, यहीं के स्टूडेंट्स ने बवाल किया था तो क्या पुलिस के रहने पर वे ऐसा कर पाते। चर्चा रही कि एक चर्चित मंत्री के दबाव के चलते पुलिस ने कैंपस को छोड़ दिया और दूसरे दिन भी कैंपस के बाहर ही डटी रही। जबकि अंदर कैंपस में स्टूडेंट्स के बीच जमकर मारपीट चल रही थी।

तीन घंटे लग गये गेट से बिरला पहुंचने में

पुलिस और एडमिनिस्ट्रेशन की मंशा पर एक सवाल यह भी खड़ा होता है कि बीएचयू के आला अधिकारी लगातार उनके संपर्क में थे। जब हॉस्टल रोड पर बवाल शुरू हुआ तो उसके कुछ ही देर बाद तकरीबन नौ बजे बीएचयू एडमिनिस्ट्रेशन की ओर से डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन को इसकी सूचना दे दी गयी। लगातार उन्हें बिगड़ रही स्थिति की जानकारी भी दी जा रही थी लेकिन लोकल एडमिनिस्ट्रेशन तकरीबन तीन घंटे बाद अपने दलबल के साथ कैंपस में पहुंचा। तब तक तो सैकड़ों स्टूडेंट्स घायल हो चुके थे।