केस वन - मीरगंज निवासी कांति देवी ने पति के जिंदा होने के बावजूद मृत प्रमाण पत्र बनवाकर लाभ के लिए आवेदन किया था। जिसकी जानकरी स्थानीय निवासियों ने विभाग को दी। ऐसे में आवेदन का सत्यापन कराया गया। जिसमें पति के जिंदा रहने के बावजदू फर्जी मृतक प्रमाण पत्र लगाने की पुष्टि हुई। लाभ निरस्त कर कार्रवाई की जा रही है।

केस टू - मीरगंज ब्लॉक की नंदगांव निवासी जयंती ने पति रामशंकर की मौत का फर्जी प्रमाण पत्र लगाकर पारिवारिक लाभ योजना के लिए करीब दो माह पूर्व आवेदन किया था। साथ ही इन्होंने विधवा पेंशन योजना का लाभ भी ले रहीं थी, लेकिन पिछले दिनों सत्यापन के दौरान फर्जीवाड़ा पकड़ में आने पर लाभ से वंचित कर दिया गया।

केस थ्री - फतेहगंज पश्चिमी निवासी प्रमोदन ने तीन माह पूर्व पारिवारिक लाभ के लिए आवेदन किया था। उन्होंने पति सुफैल अंसारी के नाम का फर्जी मृतक प्रमाण पत्र बनवाकर लाभ लेने के लिए विभाग में आवाजाही कर रही थीं। डॉक्यूमेंट लेकर जांच की गई तो मामले की जानकारी हुई और उन्हें लाभ से वंचित कर संबंधित मामले में कार्रवाई की जा रही है।

केस फोर - रमपुरा ग्राम निवासी लाडली देवी ने पति आसेराम के नाम का फर्जी मृतक प्रमाण पत्र खुद को विधवा बना लिया। पारिवारिक लाभ समेत विधवा पेंशन के लिए भी आवेदन किया था। दोनों ही मामलों में इन्होंने एक ही प्रमाण पत्र का सहारा लिया। सत्यापन के दौरान मामले की जानकारी होने पर इन्हें लाभ से वंचित कार्रवाई के निर्देश जारी किए गए हैं।

केस फाइव - सिमरिया ग्राम निवासी सोहनलाल की पत्‍‌नी कालो देवी ने पारिवारिक लाभ योजना एवं विधवा पेंशन योजनाओं के लिए आवेदन किया था। करीब दो माह पूर्व आवेदन को सत्यापन के लिए भेजा गया था। जिसमें पति के मृतक होने का फर्जी प्रमाण पत्र लगाने का खुलासा हुआ। लाभ योजना से वंचित कर संबंधित मामले में कार्रवाई की जा रही है।

क्चन्क्त्रश्वढ्ढरुरुङ्घ:

चंद रुपयों के लालच में सुहाग को जीते जी मार डालने वाले ये मामले तो महज बानगी भर हैं। ऐसी न जाने कितनी महिलाएं हैं, जो पारिवारिक लाभ योजना का धन पाने के लिए सुहागन रहकर भी विधवा बन जा रही हैं। इसका खुलासा समाज कल्याण विभाग के वेरिफिकेशन रिपोर्ट में हुआ। फिलहाल, इन अप्लीकेशन को विभाग ने खारिज कर दिया। साथ ही अन्य डॉक्युमेंट्स की भी जांच के निर्देश दिए हैं।

पहले भी हुआ है खुलासा

पारिवारिक लाभ योजना का लाभार्थी बनने के लिए यह कोई पहला मामला नहीं है। बल्कि 5 माह पूर्व भी करीब दर्जन भर मामले प्रकाश में आये थे, जिसमें महिलाओं ने पति के फर्जी मृत प्रमाण पत्र लगाकर योजना का लाभ लेने का प्रयास किया था। पूर्व में हुए मामले की जानकारी एडीएम कार्यालय से हुई थी। जिसमें सुहाग के जिंदा होने के बाद भी उन्हें मृत घोषित कर दिया गया था। गौरतलब है कि सरकार ने गरीब महिलाओं को सशक्त बनाने के उद्देश्य से पारिवारिक लाभ योजना एवं विधवा पेंशन योजना की शुरुआत की। लेकिन महिलाओं को सबल बनाने के लिए संचालित योजना भी फर्जीवाड़ा की भेंट चढ़ रही है।

फर्जी प्रमाण पत्रों पर नहीं हुई कार्रवाई

समाज कल्याण विभाग में विभिन्न पेंशन एवं जनकल्याणकारी योजनाओं के लिए आवेदन किए जाते हैं, जिसमें राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ, छात्रवृत्ति, वृद्धावस्था, अत्याचार उत्पीड़न योजना, शादी बीमारी अनुदान योजना शामिल है। इन सभी पेंशन एवं जनकल्याणकारी योजना में कई बार फर्जी प्रमाण पत्र मिलने की पुष्टि हुई थी, जिस पर एक्शन लेते हुए तत्कालीन डीएम संजय कुमार एवं कमिश्नर वीके द्विवेदी ने जांच के निर्देश दिए थे। साथ ही फर्जी प्रमाण पत्रों पाए जाने पर आवेदन कर्ता के खिलाफ वाद दायर करने के भी निर्देश थे, लेकिन आलाधिकारियों के निर्देशों पर कार्रवाई शुरू हुई। इन अधिकारियों के स्थानांतरण के बाद मामला ठंडे बस्ते में चला गया।

राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना में आवेदन कर्ताओं ने फर्जी मृतक प्रमाण पत्र लगाकर लाभ लेने की कोशिश की थी। प्रथमदृष्टया मामला संदिग्ध होने पर जांच की गई तो मामला प्रकाश में आने पर आवेदन को निरस्त कर दिया गया है।

एके सिंह, समाज कल्याण अधिकारी