- हाईस्कूल छात्र ने पिता के दोस्त से मांगी रंगदारी

- तंगहाली दूर करने के लिये बनाया प्लान, दबोचा गया

LUCKNOW :

'अगर अपने दोनों बेटों को जिंदा देखना चाहते हो तो दो लाख रुपये का इंतजाम कर लो'अनजान नंबर से आई कॉल ने वजीरगंज निवासी नूर के होश ही उड़ा दिये। उन्होंने फौरन पुलिस को घटना की सूचना दी। पर, फेक आईडी पर लिये गए सिम से कॉल आने की वजह से पुलिस रंगदारी मांगने वाले का पता नहीं लगा पा रही थी। गुरुवार को एक बार फिर कथित बदमाश ने कॉल की और रंगदारी की रकम लेकर शहीद स्मारक पहुंचाने को कहा। सूचना मिलने पर पुलिस ने ट्रैप लगाकर आरोपी को दबोच लिया। पकड़े गए आरोपी से पूछताछ हुई तो पता चला कि वह भुक्तभोगी नूर के दोस्त का बेटा है। पुलिस ने आरोपी को अरेस्ट कर जेल भेज दिया है।

नंबर बदल कर करता था कॉल

खदरा निवासी नूरुद्दीन उर्फ नूर का वजीरगंज स्थित कैसरबाग बस टर्मिनल के पास बुलेट बाइक वर्कशॉप है। नूर के मुताबिक, बीती 10 जनवरी को उनके मोबाइल फोन पर किसी अनजान शख्स ने कॉल किया। ऐंठ भरे अंदाज में बात कर रहे शख्स ने उनसे कहा कि वह दो लाख रुपये का इंतजाम कर लें नहीं तो उनके दोनों बेटों को वह जान से मार डालेगा। धमकी सुनते ही नूर के होश उड़ गए। उन्होंने वजीरगंज पुलिस को इसकी सूचना दी। पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर इंक्वायरी शुरू की तो पता चला जिस नंबर से धमकी आई वह फेक आईडी पर लिया गया था। कुछ दिनों बाद फिर से नूरु के पास दूसरे नंबर से कॉल आई। इस बार भी पुलिस ने नंबर की जांच की तो वह फेक आईडी पर निकला। यह सिलसिला चार बार चला, हर बार नंबर बदलकर आरोपी ने कॉल किया। वहीं, नूर उसे रुपये का इंतजाम न होने की बात कहकर टाल देता। नतीजतन, पुलिस उसका सुराग लगा पाने में कामयाब नहीं हो सकी।

खुद ही फंस गया ट्रैप में

गुरुवार को एक बार फिर नूर के पास उसी शख्स की कॉल आई। इस बार उसने नूर को धमकी दी कि वह आखिरी बार कॉल कर रहा है। वह दोपहर 12 बजे किसी भी कीमत पर शहीद स्मारक के सामने स्थित शेखर टी स्टॉल पर रकम लेकर पहुंच जाए। वरना, अंजाम बेहद बुरा होगा। नूर ने फौरन वजीरगंज की हाता चौकी इंचार्ज जगदीश पांडेय को इसकी जानकारी दी। जिसके बाद चौकी इंचार्ज पांडेय अपने हमराह सिपाहियों के साथ सादी वर्दी में शहीद स्मारक जा पहुंचे और आसपास की घेराबंदी कर ली। इसी बीच एक 19 वर्षीय युवक संदिग्ध हालत में शहीद स्मारक की सीढि़यों पर टहलता दिखाई दिया। शक होने पर पुलिसकर्मियों ने उसे आवाज लगाई। पर, पुलिस को देखते ही वह भागने लगा। शक की पुष्टि होने पर पुलिसकर्मियों ने उसे पीछा कर दबोच लिया। पकड़े जाने पर उसकी शिनाख्त सआदतगंज के अंगूरीबाग, कशमीरी मोहल्ला निवासी मो। हामद उर्फ परवेज रिजवी के रूप में हुई। पुलिस ने उसके कब्जे से धमकी देने में इस्तेमाल दो सिम कार्ड बरामद किये।

तंगहाली दूर करने के लिये की प्लानिंग

जानकारी मिलने पर थाने पहुंचे नूर ने हामद की शिनाख्त दोस्त सैय्यद अली के बेटे के रूप में की। पुलिस ने हामद से सख्त पूछताछ की तो उसने बताया कि वह हाईस्कूल में पढ़ता है और उसके पिता ई-रिक्शा चलाते हैं। उसके परिवार में आठ भाई-बहन और मां हैं। पिता की कमाई से घर खर्च ही मुश्किल से चल पाता है, जिसके चलते उसे अपने शौक पूरे करने के लिये रुपयों की जरूरत थी। उसने बताया कि वह पिता के साथ नूर के वर्कशॉप पर आता था। वहां पर हर रोज दर्जनों गाडि़यों की मरम्मत व सर्विस होती थी। यह देख उसने अंदाजा लगाया कि नूर को धमकी देकर उससे रकम वसूली जा सकती है। जिसके बाद उसने फेक आईडी पर चार सिम खरीदे और नूर को धमकी दे डाली।