टिवटर और फेसबुक पर नजर डालें तो पिछले दो तीन दिनों में सौरव गांगुली और द डर्टी पिक्चर लिस्ट में सबसे आगे नजर आते हैं। द डर्टी पिक्चर टीवी पर न देख पाने के कारण लोग ‘पागल’ हुए जा रहे हैं तो दादा को आईपीएल मैच के दौरान टीवी पर देखकर लोग वाह वाह कर रहे हैं।

शनिवार रात को हुए मैच में 39 साल के सौरव गांगुली अपने पुराने रंग में नजर आएवही आक्रामकता, वही जोश और सूझ बूझ भरी कप्तानी पारी। हैरत की बात नहीं कि दादा का अपने पुराने रूप में देखकर उनके प्रशंसक फूले नहीं समा रहे। इस मैच में उन्होंने अपनी टीम पुणे वारियर्स के लिए दो विकेट लिए, कीमती रन जोड़े और मैन ऑफ द मैच रहे थे।

ट्विटर पर आ रही टिप्पणियाँ इसकी छोटी सी मिसाल है। मसलन एक ने लिखा है कि ‘मूव असाइड शीला की जवानी, दादा का बुढ़ापा इज मच हॉटर’ यानी ‘शीला की जवानी को अब भूल जाइए, दादा का बुढ़ापा ज्यादा हॉट है’।

डेल्ही डेयरडेविल्स के खिलाफ उन्हीं के मैदान पर लोग जिस तरह दादा-दादा चिल्ला रहे थे उसे देखकर मुझे कुछ देर के लिए संदेह होने लगा कि ये मैच वाकई दिल्ली में हो रहा है।

किसी भी प्रतियोगिता में कुछ लम्हे, कुछ तस्वीरें इस प्रतियोगिता की पहचान बन जाती है। शनिवार को हुए मैच में भी पीटरसन का विकेट लेने के बाद गांगुली की वो दहाड़, वो मुठ्ठी भिंचकर भागना और हवा में बेतरतीब उड़ते उनके बाल ऐसी ही छवि है। पीटरसन की विकेट लेने के बाद गांगुली की भाव भंगिमा देखकर लॉर्डस में टीशर्ट उतार कर भागने वाले गांगुली की याद ताजा हो गई।

दादा का दम

कभी भारत के लिए दादा की कप्तानी में खेलने वाले युवराज सिंह ने तो दादा को कुछ हेयरटिप्स भी दे डाले। मैच के दौरान उन्होंने ट्विट किया था, “दादा आपने बहुत अच्छी गेंदबाजी की। लेकिन अगली बार जब आप विकेट लें तो बालों में जेल जरूर डालें.”

युवराज ने मजाकिया अंदाज में ये भी लिखा था, “वैसे मैं आपको अपना हेयरजेल दे सकता हूँ क्योंकि मैने तो पिछले तीन महीनों में इसे इस्तेमाल नहीं किया है। हाहा” युवराज जैसे खिलाड़ियों को तराश कर उन्हें अपनी कप्तानी में मौका देने के श्रेय गांगुली को ही जाता है।

गांगुली के जितने प्रशंसक हैं, उन्हें नापसंद करने वाले भी हैं। वे कई बार विवादों के घेरे में भी रहे हैं। पिछली बार तो आईपीएल खिलाड़ियों की नीलामी में किसी टीम ने उन पर बोली ही नहीं लगाई थी.उस समय लोगों ने उनकी खूब खिल्ली उड़ाई थी। कुछ ने कहा कि इस ‘अपमान’ के बाद गांगुली खुद ही खेलना बंद कर देना चाहिए।

पर गांगुली को यूँ ही किंग ऑफ कमबैक नहीं कहा जाता। जब जब आलोचकों ने उनके परिदृश्य से गायब होने की ‘भविष्यवाणी’ की है तब तब उन्होंने जोरदार वापसी की है।

चाहे वे भारतीय टीम से लंबे समय तक निकाले जाने के बाद टीम में वापसी हो या फिर आईपीएल में एंट्री। अपनी तमाम आलोचनाओं और कमजोरियों के बावजूद यही किलर इंस्टिक्ट गांगुली को इतने सालों से महाराज बनाए हुए है।

वैसे गांगुली ही नहीं द्रविड़ जैसे पुराने दिग्गजों को भी आईपीएल में लोगों का काफी समर्थन मिल रहा है। कहना गलत नहीं होगा कि इन खिलाड़ियों को इस तरह फुल फॉर्म में खेलते हुए देखने का लोगों के पास आईपीएल के अलावा खास मौका नहीं है।

आईपीएल में अपने दमखम में दादा ने एक हलचल तो मचा ही दी है। अब उनकी असली परीक्षा है कि वो अपनी नई नवेली पुणे वारियर्स टीम को कितनी आगे तक ले जाते हैं।

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