1- आंकड़ो की माने तो हर 4 में से 1 बच्ची 15 साल की उम्र तक पहुंचने से पहले हिंसा का शिकार होती है। दुनिया में जारी हिंसा की वजह से हर दस मिनट में एक बच्ची की मौत होती है। 

 

2- हिंसा किशोरियों की मौत की दूसरी सबसे बड़ी वजह है। बच्चियों की हिंसक मौतों के मामले में दक्षिण एशिया सबसे आगे है जो बेहद शर्मनाक बात है। आपको जानकर हैरानी होगी कि साउथ एशिया के बच्चे दुनिया में सबसे ज्यादा अनसेफ

 

3- 2012 में हिंसा की वजह से 30 हजार बच्चियां मारी गईं जो वैश्विक दर से दोगुना था। दुनिया भर में बीस से चौबीस वर्ष तक की तीन में से एक युवती का विवाह 18 वर्ष से पहले हो जाता है। 

 

4- पिछले तीस वर्षो में बालिका वधुओं की संख्या में गिरावट के बाद भी ग्रमीण क्षेत्रों और विशेष रूप से गरीब तबके में यह चुनौती अब भी बरकरार है। अगर यही जारी रहा तो 18 वर्ष से कम उम्र में विवह होने वाली लड़कियों की संख्या 2020 तक बढ़कर 15 करोड़ हो जाएगी। 

 

5- लड़कियों की सुरक्षा के लिए उन्हें शिक्षित करना एक बेहतरीन उपाय है। बालिकाओं ने पढ़ाई से लेकर खेल तक, हर क्षेत्र में अपनी छाप छोड़ी है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि हमें एक साथ मिलकर एक ऐसे भारत का निर्माण करना चाहिए जहां लिंग आधारित भेदभाव न हो और लड़कियों को चमकने का हर अवसर मिले।

 

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