कृषि बजट तो था पर सपा सरकार ने तवज्जो नहीं दी

- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह के साथ की समीक्षा

- प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को पूरी तरह लागू करने का दिया आश्वासन

LUCKNOW:

केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने कहा कि पिछली सपा सरकार ने तीन साल तक कृषि, सहकारिता, पशुपालन, मत्स्य आदि विभागों के तहत संचालित केंद्र सरकार की योजनाओं की योजनाओं की धनराशि का पूरी तरह से उपयोग नहीं किया। यदि इन योजनाओं को समयबद्ध रूप से पारदर्शिता के साथ लागू किया जाए तो राज्य के किसानों की आर्थिक स्थिति में काफी सुधार होगा। उन्होंने राज्य सरकार को हर संभव सहयोग प्रदान करने का आश्वासन देते हुए कहा कि यदि यहां के किसानों तथा पशुपालकों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा तो इसका असर देश की अर्थव्यवस्था पर निश्चित रूप से पड़ेगा। वे शुक्रवार को राजधानी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ संबंधित विभागों की योजनाओं की समीक्षा कर रहे थे।

किसानों की आमदनी करेंगे दोगुनी

वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस अवसर पर कहा कि कृषि, उद्यान, पशुपालन, डेयरी, मत्स्य पालन और सहकारिता को प्रोत्साहित कर किसानों की आमदनी दोगुनी करने का काम शुरू किया गया है। प्रदेश के किसानों की बेहतरी के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को प्रभावी रूप से लागू कराते हुए अधिक से अधिक किसानों को आच्छादित कराने का काम किया जाएगा। योजना के तहत स्मार्ट फोन के उपयोग को बढ़ावा देने तथा क्लस्टर बनाकर योजना के तहत कंपनियों से टेंडर आमंत्रित किए जाएंगे। इसी प्रकार स्वायल हेल्थ कार्ड योजना को भी तेजी से लागू किया जाएगा। उन्होंने 20 नये कृषि विज्ञान केंद्रों के लिए भूमि उपलब्ध कराने की जानकारी देते हुए कहा कि अब इनकी स्थापना का कार्य तेजी से शुरु किया जाए, जिससे इनका लाभ क्षेत्रीय किसानों को मिल सके। वहीं पहले से स्थापित केंद्रों को आर्थिक रूप से सक्षम बनाने का आग्रह करते हुए कहा कि यहां तैनात वैज्ञानिकों एवं कर्मचारियों को कहीं अन्यत्र तैनात न किया जाए। उन्होंने प्रमुख सचिव कृषि को निर्देशित किया कि किसानों को अच्छी गुणवत्ता का बीज उपलब्ध कराने के लिए प्रदेश के कृषि विश्वविद्यालयों, किसान विकास केंद्रों तथा बीज निगमों से ही प्रजनक बीजों की खरीदारी को प्राथमिकता दी जाए। इस दौरान उन्होंने तमाम योजनाओं को प्रभावी ढ़ंग से लागू करने के लिए केंद्र सरकार से आर्थिक मदद भी मांगी।

बुंदेलखंड पर भी ध्यान

मुख्यमंत्री ने कहा कि बुंदेलखंड क्षेत्र में सिंचाई, भंडारण एवं विपणन की पर्याप्त व्यवस्था उपलब्ध न कराए जाने के कारण इन क्षेत्रों में उत्पादकता का स्तर काफी कमजोर है। इस वर्ष बुंदेलखंड क्षेत्र में सिंचाई की सुविधा के लिए 3,384 खेत तालाबों का निर्माण कराया जा रहा है। केंद्र सरकार द्वारा संचालित राष्ट्रीय कृषि बाजार योजना को प्रभावी रूप से लागू करने का प्रयास किया जा रहा है। इसके तहत राज्य की 66 मंडियों को ऑनलाइन जोड़ने का प्रयास तेज किया जा रहा है। राष्ट्रीय कृषि बाजार के पोर्टल के माध्यम से यूपी में भी इंटर मंडी ट्रेड के तहत जोड़ने की व्यवस्था की जाएगी। किसानों को पंजीयन शुल्क आदि में पर्याप्त राहत प्रदान करने पर गम्भीरता से विचार किया जा रहा है। वाराणसी एवं मथुरा में गायों के संरक्षण एवं संव‌र्द्धन के लिए गोकुल ग्राम योजना संचालित की जा रही है। इस वर्ष इस योजना के तहत करीब तीन केंद्र स्थापित किए जाएंगे, जिसमें एक बुंदेलखंड में होगा।

इन पर भी हुई चर्चा

- समेकित बागवानी विकास योजना प्रभावी रूप से लागू होगी

- आधुनिक खेती को बढ़ावा देने के लिए पांच फार्म मशीनरी टेस्टिंग एण्ड ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट की स्थापना कराने की मांग

- राज्य में धान तथा गेहूं के अंतर्राष्ट्रीय स्तर के शोध केन्द्र स्थापित कराने की मांग

- बागवानी को बढ़ावा देने के लिए राज्य में पांच सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना

- बुंदेलखंड एवं पूर्वांचल में आगामी पांच वषरें में दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए लगभग 2967 करोड़ रुपए उपलब्ध कराने का आग्रह