नाबालिग से दुराचार के मामले में कोर्ट को विवेचना में मिली लापरवाही

ALLAHABAD: नाबालिग लड़की से दुराचार के मामले में विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट मार्कण्डेय राय ने विवेचक दारागंज थाने के पुनवासी राम गौरव की भूमिका की जांच का आदेश एसएसपी को दिया है। कोर्ट ने यह निर्णय विवेचना संदिग्ध पाए जाने पर लिया है। जांच रिपोर्ट पेश करने के लिए 23 अगस्त की तिथि निर्धारित की गई है। साथ ही मुकदमा वादिनी को नोटिस जारी करने आदेश दिया है।

मामला थाना दारागंज से संबंधित है। नाबालिग पीडि़ता के साथ दुराचार की रिपोर्ट उसकी मां ने दर्ज करायी थी। विवेचना पुनवासी राम को मिली। घटना 18 जुलाई को हुई। 20 जुलाई को दुराचार की धारा बढ़ाई गई। 23 जुलाई को अभियुक्त अनिल कुमार दुबे गिरफ्तार किया गया। इस दौरान मां व बेटी का बयान दर्ज किया गया। तीन अगस्त को विवेचक ने फाइनल रिपोर्ट कोर्ट में पेश की। इसमें विवेचक ने अनिल दुबे की नामजदगी गलत बतायी। कोर्ट ने विवेचक की फाइनल रिपोर्ट के आधार पर आरोपी को एक लाख रुपए के निजी मुचलका पर रिहा करने का आदेश दिया। कोर्ट ने एसएसपी को लिखे पत्र में कहा है कि मामला दुराचार से जुड़ा है। पास्को एक्ट से भी संबंधित है। इसकी जांच जरुरी है। प्रस्तुत रिपोर्ट में विवेचक की भूमिका संदिग्ध प्रतीत होती है। घटना का समर्थन मुकदमा वादिनी व पीडि़ता के द्वारा किया गया है।