-शहर की पॉश कॉलोनी में रहने वालों ने घर के आगे बनाए बेहिसाब स्पीड ब्रेकर

-महानगर कॉलोनी में बहू के साथ स्कूटी से जा रही महिला स्पीड ब्रेकर पर गिरकर हुई घायल

>BAREILLY :

शहर की पॉश कॉलोनियों में एक महानगर की रहने वाली 60 वर्षीय रामदुलारी तीन दिनों से डीडीपुरम के एक बड़े अस्पताल में भर्ती हैं। उनका चेहरा बुरी तरह जख्मी है। घुटनों में गंभीर चोटें हैं। 24 घंटे इमरजेंसी में रहने के बाद उन्हें सामान्य वार्ड में लाया गया। रामदुलारी की यह हालत मनमाने ढंग से बनाए गए एक स्पीडब्रेकर के चलते हुई। वह बहू के साथ स्कूटी पर पीछे बैठी थीं। अचानक स्पीड ब्रेकर आया और वह उछल कर सड़क पर मुंह के बल गिर गई। इस अवैध स्पीड ब्रेकर से पहले न कोई चेतावनी बोर्ड है। न उस पर पेंट है।

यह किस्सा तो सिर्फ एक बानगी भर है। दरअसल, पीलीभीत बाईपास पर बसी ऐसी सभी कॉलोनियों के बाशिंदों ने अपने घरों के सामने दबंगई में ऊंचे-ऊंचे अवैध स्पीड ब्रेकर बना लिए हैं। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने जब पॉश मानी जाने वाली ऐसी 5 कॉलोनियों का सर्वे किया, तो चौंकाने वाला सच सामने आया। दिलचस्प बात यह है कि ज्यादातर स्पीड ब्रेकर रसूखदार लोगों के घरों के सामने बने हैं। इनमें सबसे ज्यादा संख्या सरकारी कर्मियों खासतौर पुलिसवालों की है।

कॉलोनी स्पीड ब्रेकर

सुपर सिटी 37

- हर कनेक्टिंग रोड पर चार से ज्यादा अवैध स्पीड ब्रेकर।

सुपर सिटी में 300 आवास बने हुए हैं, जिसमें से करीब 295 में परिवार रह रहे हैं। पूरी सुपर सिटी कॉलोनी में करीब दर्जन भर कनेक्टिंग रोड भी हैं। कॉलोनी में रहने वाले असरदार लोगों ने अपने घरों के आगे खड़ी ईंट के स्पीड ब्रेकर बनवाएं हैं। इतना ही नहीं स्पीड ब्रेकर बनवाने के बाद पेंट तक नहीं किया है।

घर के बाहर से बाइकर्स स्पीड में बाइक निकालते थे, जिससे बच्चों को बाहर भेजने में डर लगता था। पति भी ड्यूटी चले जाते थे। तो मैंने उनसे घर के आगे स्पीड ब्रेकर बनवाया है। अब जो भी निकलता है धीमी गति से निकलता है, और अब इस स्पीड ब्रेकर से किसी दूसरे को क्या समस्या होगी।

निमिता सुपर सिटी कॉलोनी

मैं तो इस कॉलोनी में करीब छह माह पहले ही रहने आया हूं। घर के बाहर कार खड़ी करता था तो डर लगता था कि कोई बाइक वाला टक्कर न मार दे। इसीलिए घर के आगे बड़ा स्पीड ब्रेकर बनवा दिया। मेरे घर के आगे बने स्पीड ब्रेकर को देखकर पड़ोसी ने बनवा लिया। हालांकि उन्हें स्पीड ब्रेकर बनवाने की जरूरत नहीं थी।

सर्वेश यादव, रिटा। एसआई उत्तर प्रदेश पुलिस

ग्रीन पार्क 10

- ऊंचे और बिना पेंट किए हुए

मेन ग्रीन पार्क में करीब 200 मकान हैं, जिसमें करीब सात रोड हैं। कॉलोनी के मेन गेट से लेकर पूरी कॉलोनी में 10 स्पीड ब्रेकर बने हुए हैं। अपने घरों के आगे स्पीड बे्रकर बनवाने वालों का कहना था कि उनके घरों के आगे से बाइकर्स स्पीड में बाइक निकालते थे, जिसके कारण उन्होंने स्पीड ब्रेकर बनवा दिए है।

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कॉलोनी के मेन रोड और गेट के पास बने ब्रेकर तो कॉलोनाइजर ने ही बनवाए थे, लेकिन अब तो अधिकांश लोगों ने अपने-अपने घरों के सामने ऊंचे-ऊंचे ब्रेकर बनवा लिए हैं। जिससे कई बार हादसे हो चुके हैं। इसके बाद भी स्पीड ब्रेकर बनवाने वाले नहीं सोचते हैं। स्पीड ब्रेकर लिमिट में हाेने चाहिए।

एसपी सैनी, सीनियर वाइस प्रेसीडेंट ग्रीन पार्क वेलफेयर सोसाइटी

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ग्रेटर ग्रीन पार्क 17

- खड़ी ईंटों से बनाए गए स्पीड ब्रेकर

ग्रेटर ग्रीन पार्क कॉलोनी में कुल मिलाकर करीब 290 मकान हैं। पूरी कॉलोनी में करीब 8 रोड हैं। सभी रोड पर दबंग लोगों ने अपने घरों के सामने अलग-अलग स्पीड ब्रेकर खड़ी ईट के बनवा लिए हैं। कॉलोनी में अपने घरों के आगे स्पीड ब्रेकर बनवाने वालों ने गार्डन के लिए भी रोड किनारे कब्जा कर रखा है।

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-गोल्डन ग्रीन पार्क -12

-अधिकतर स्पीड ब्रेकर पर पेंट नहीं

गोल्डन ग्रीन पार्क में करीब 176 मकान में परिवार रह रहे हैं। पूरे गोल्डन ग्रीन पार्क में करीब आधा दर्जन रोड हैं। इस कॉलोनी के रहने वाले रसूखदार लोगों ने भी अपने घरों के आगे स्पीड ब्रेकर बनवा लिए लेकिन उस स्पीड ब्रेकर पर पेंट तक नहीं कराई है।

-महानगर कॉलोनी

-अधिकांश स्पीड ब्रेकर ऊंचे और खड़ी ईट के बने हुए

सुपर सिटी कॉलोनी में करीब 425 घरों में परिवार रहते हैं। पूरी कॉलोनी में दो दर्जन से अधिक कनेक्टिंग रोड भी है। हालांकि कॉलोनी नगर निगम में तो नहीं आती है। इस कॉलोनी के लिए प्रधान चुना जाता है। इस कॉलोनी में भी रसूखदार लोगों ने अपने घरों के आगे खड़ी ईट के ही स्पीड ब्रेकर बनवाए हैं। जिसमें प्रधान ने भी अपने घर के आगे दोनों तरफ ऊंचे-ऊंचे स्पीड ब्रेकर बनवाए है।

कॉलोनी में हमारे घर के आगे से लोग बाइक और कार लेकर तेजी से निकलते थे। तो प्रधान से कहकर अपने घर के आगे दो स्पीड ब्रेकर बनवाने के लिए कहा, लेकिन प्रधान ने एक ही बनवाया। एक और बन जाता तो ठीक रहता।

विजय कुमार, रिटा। बिजलीकर्मी महानगर कॉलोनी

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महानगर कॉलोनी के रहने वाले उमंग अपार्ट फ‌र्स्ट ने बताया कि वह नहीं चाहते कि उनके घर के आगे तेजी से निकले। इसीलिए उन्होंने स्पीड ब्रेकर बनवाए है।

जीपी नाथ, रेलवे विभाग, महानगर कॉलोनी

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स्पीड ब्रेकर के कारण हो चुका विवाद

प्रेमनगर के मोहल्ला सुर्खा बानखाना में नगर निकाय चुनाव के पहले बनाए गए स्पीड ब्रेकर को एक पक्ष ने 28 दिसम्बर को तोड़ना शुरू कर दिया। जिस पर दूसरे पक्ष ने विरोध जताया तो मोहल्ले में बवाल हो गया। जिसमें एक पक्ष ने पथराव तो दूसरे पक्ष ने फायरिंग कर दी। इस मामले में दोनों पक्षों ने एक दूसरे पर नामजद करते हुए करीब 80 लोगों पर एफआईआर दर्ज कराई है।