RANCHI : पूरे राज्य में एक अगस्त से बिना स्पीड गवर्नर वाले वाहनों का रजिस्ट्रेशन नहीं होगा। हाईकोर्ट ने व्यावसायिक वाहनों का विशेष उल्लेख करते हुए आदेश दिया है सभी पुराने वाहनों में भी स्पीड गवर्नर लगाना अनिवार्य होगा। शुक्रवार को एक जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस वीरेंदर सिंह और न्यायमूर्ति एस चंद्रशेखर की अदालत ने शुक्रवार को यह निर्देश दिया। अदालत ने राज्य सरकार को केंद्रीय मोटर वाहन संशोधन अधिनियम के इस प्रावधान का सख्ती से अनुपालन कराने का निर्देश दिया है। अगली सुनवाई दो सितंबर को होगी।

फ्क् जुलाई थी डेडलाइन

हाईकोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार ने इस एक्ट में संशोधन कर सभी राज्यों को फ्क् जुलाई तक इसका अनुपालन करने का निर्देश दिया था। इसलिए फ्क् जुलाई के बाद स्पीड गवर्नर विहीन किसी भी व्यावसायिक वाहन का निबंधन नहीं किया जाना चाहिए।

एक महीने का मांगा वक्त

हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि इसे लागू करने के लिए केंद्र से महीने भर का समय मांगा गया है.राज्य के परिवहन सचिव ने केंद्र सरकार को ख्8 जुलाई को पत्र लिखा है, जिसका अभी जवाब नहीं आया है। यदि केंद्र सरकार ने समय सीमा नहीं बढ़ाई और निबंधन बंद हुआ तो राज्य सरकार को राजस्व की हानि उठानी पड़ सकती है।

नए वाहनों में लगा रहता है स्पीड गवर्नर

वाहनों में स्पीड गवर्नर लगाने की योजना वर्ष ख्0क्ख् से चल रही है। अब नए वाहनों में कम्पनी की ओर से ही स्पीड गवर्नर लगा हुआ आता है, लेकिन पुराने वाहन में भी अब स्पीड गवर्नर लगाना अनिवार्य होगा।

एक्सीडेंट में आएगी कमी

यह यंत्र वाहनों की गति नियंत्रित रखता है। इस कारण वाहन एक निश्चित गति से अधिक तेज नहीं चल सकते। ऐसा होने से दुर्घटनाओं में कमी आ सकेगी।

इन वाहनों को रहेगी छूट

स्पीड गवर्नर लगवाने से दुपहिया, तिपहिया, चौपहिया साईकिल, अग्निशमन, एम्बुलेंस, पुलिस वाहन तथा ऐसे वाहन जिनकी अधिकतम गति सीमा 80 किमी प्रतिघंटा से अधिक नहीं है, को छूट दी गई है।