-डॉक्टर के थापर नगर स्थित निवास पर पड़ा ताला, पुलिस तैनात

- पड़ोसी स्तब्ध, दिनभर लगा रहा गेट पर मरीजों का तांता

- डॉ। शालिनी की मौत पर पसरा अरविंदपुरी में सन्नाटा

-आरोपी डॉक्टर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहीं थीं महिलाएं

Meerut: थापर नगर शहर की एक ऐसी रिहायशी कॉलोनी जहां एलीट क्लास के लोग रह रहे हैं। हर मकान अपने-आप में खास है। गेट बंद कॉलोनी में है डॉ। विशाल आर्य दंपत्ति का मकान। इसी मकान में है आर्य चेस्ट क्लीनिक। पिता डॉ। सीएल आर्य की मौत के बाद डॉ। विशाल आर्य और डॉ। शालिनी आर्य को मरीज जैसे विरासत में मिले हो। डॉक्टर दंपति के क्लीनिक पर दिनभर मरीजों का तांता लगा रहता था। मंगलवार को घर के गेट पर ताला पड़ा था। दो सिपाही गेट पर बैठे थे, पड़ोसी स्तब्ध थे तो आने-जाने वाला कौतूहलवश उधर देख रहा था।

सपने में भी नहीं सोचा था

पड़ोसी गुरप्रीत सिंह से जब आई नेक्स्ट ने डाक्टर दंपति के साथ घटी घटना के संबंध में पूछा तो वे बोले कि स्तब्ध हैं, कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि ऐसा होगा। भले इंसान थे डाक्टर दंपति। डा। शालिनी की मौत पर उन्होंने अफसोस जताया तो वहीं यह भी कहा कि विशाल ऐसा नहीं कर सकते।

मूवी देखकर आए थे

मेडिकल स्टोर संचालक विक्रम सोढ़ा का हाल-बेहाल है। डॉक्टर दंपति के करीबी विक्रम का कहना था कि पति-पत्‍‌नी में कोई मतभेद था, इसकी तो भनक तक नहीं लगी। रविवार को छुट्टी थी सो मिलांज में मूवी देखी, बच्चों के साथ डिनर किया और रात्रि करीब साढ़े दस बजे घर पर आए।

अवाक है हर कोई

घर के अंदर क्या हो रहा है, ये तो कोई नहीं जानता किंतु आजतक कभी पति-पत्‍‌नी का विरोध उभरकर सामने नहीं आया। पड़ोसी परीक्षित भाटिया, प्रदीप कुमार एडवोकेट, विजय राजपाल, संजीव बरमानी, विशाल आदि ने दुख जाहिर करते हुए कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना है।

मरीजों का लगा रहा तांता

मंगलवार को हालांकि अलसुबह डॉ। शालिनी ने अंतिम सांस ली किंतु उनके मरीजों को अभी इस बात की जानकारी नहीं हो सकी। दिनभर क्लीनिक पर मरीजों के आने-जाने का सिलसिला चलता रहा। सिद्दीक नगर निवासी दिलशाद तो आई नेक्स्ट टीम को क्लीनिक के बाहर ही बैठे मिले। तैनात सिपाहियों ने बताया कि मेरठ के अलावा आसपास के क्षेत्रों से भी इलाज के लिए मरीज मंगलवार को आए।

अरविंदपुरी लाइव

शालिनी के घर पर पसरा सन्नाटा

समय करीब दो बजे। शहर के पुरानी अरविंदपुरी कॉलोनी की संकरी गली में डॉ। शालिनी का मायका है। पिता राजेश कुमार कोड़ा इलाके में चीनी वालों के नाम से मशहूर हैं। शालिनी तीन बहने थीं। एक बहन दिल्ली में, दूसरी शास्त्रीनगर में। राजेश की तीनों बेटियां बहुत सभ्य और संस्कारी हैं, यह कहना है आसपास की महिलाओं का। घर पर आंखों में आंसू लिए शालिनी के बुजुर्ग दादा बालकिशन कोड़ा, बुआ ऊषा और मां बैठीं थी। इक्का-दुक्का आने-जाने वाले आ जा रहे थे।

आरोपी पति को मिले कड़ी सजा

अरविंदपुरी में पीएम हाउस से शालिनी का शव आने का इंतजार महिलाएं और पुरुष कर रहे थे। आरोपी डॉक्टर पति के खिलाफ कड़ी सजा की मांग करते हुए महिलाओं ने कहा कि भोली-भाली शालिनी के साथ बुरा करने वाले के साथ बुरे से बुरा हो। पुलिस जहर देने के आरोपी को कड़ी से कड़ी सजा दे। शालिनी के स्वभाव के बारे में महिलाओं का कहना है कि वे बहुत ही धीर और गंभीर प्रकृति की थी। आत्महत्या जैसा कदम वे नहीं उठा सकती, आखिर मासूम बच्चियां भी तो हैं।

अस्पताल प्रशासन ने साधी चुप्पी

जसवंत राय स्पेशिलिटी हॉस्पीटल प्रशासन डॉ। शालिनी के मामले में चुप्पी साधे रहा। मंगलवार को आई नेक्स्ट टीम ने शालिनी के ट्रीटमेंट के संबंध में जानकारी चाही तो अस्पताल प्रशासन ने कहा कि वे क्रिटिकल कंडीशन में अस्पताल में भर्ती हुई थीं। तमाम कोशिश के बाद भी उनका बीपी राइज नहीं कर रहा था। मौत की वजह शरीर के अंगों का काम करना बंद बताया जा रहा है, हालांकि अस्पताल प्रशासन ने मृत्यु के कारण की आधिकारिक पुष्टि नहीं की है।