-पब्लिक को गंदगी और बीमारी बांटने वालों पर नहीं हो रही कार्रवाई

-जन संगठनों की खामोशी से भी सफाई कर्मचारियों के हौसले बुलंद

Meerut: नगर निगम सफाई कर्मचारी 'आजादी' के साथ शहर में गंदगी फैला रहे हैं और कोई उन्हें रोकने वाला नहीं है। हड़ताल के चलते महानरक बन गया है अपना महानगर। सड़कों पर गंदगी है तो हवा में बदबू। शहरवासियों की जीना दूभर है। चौंकाने वाली बात यह है कि छोटी-छोटी बातों पर हल्ला मचाने वाले सियासी और सामाजिक संगठन भी इस विषय पर मौन हैं। फिलहाल सभी 'अच्छे दिनों' का इंतजार कर रहे हैं।

स्वच्छ भारत अभियान?

एक ओर जहां देश की सफाई व्यवस्था प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्राथमिकता में शुमार हैं, वहीं प्रधानमंत्री को आदर्श मानने वाले जन प्रतिनिधि और माननीय शहर की सफाई व्यवस्था चौपट हो जाने पर चुप्पी साधे हुए हैं। आज निगम कर्मचारियों की हड़ताल का दूसरा दिन है और शहर सड़कों तो दूर गली-मोहल्लों से भी गुजरना कठिन हो गया है। प्रधानमंत्री और उनके विचारों को आदर्श मानने वाले नेता भी स्वच्छ भारत अभियान को आगे बढ़ाते हुए प्रशासन पर मसले के हल निकालने के लिए दबाव नहीं बना रहे हैं। भाजपा के महानगर अध्यक्ष रितुराज जैन कहते हैं कि सफाई कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। इसे स्वच्छ भारत अभियान से जोड़ना गलत है।

कहां गई जनता की आवाज

दरअसल मंत्री, सांसद, मेयर और विधायकों के अलावा शहर में लगभग दो दर्जन सामाजिक संगठन भी हैं, जो समय-समय पर अपनी मांगों को लेकर धरना-प्रदर्शन करते रहते हैं, लेकिन सफाई कर्मचारियों की करतूत का किसी ने भी विरोध नहीं किया है। पुलिस प्रशासन के लिए भी शहर में गंदगी फैलाकर बीमारी बांटना अपराध की श्रेणी में नहीं आता है। पुलिस अधिकारी कहते हैं कि कानून-व्यवस्था का उल्लंघन करने पर कार्रवाई की जाएगी।

निगम सफाई कर्मियों से वार्ता की जा रही है। आज एक सफाई कर्मी की मौत हो जाने के कारण बात नहीं हो सकी। जल्द ही समस्या का समाधान कराया जाएगा।

-एसके दुबे, नगर आयुक्त मेरठ

सफाई कर्मियों का मसला नगर निगम से जुड़ा है। पुलिस स्तर की ओर से भी कर्मचारियों से बात की गई है। यदि सफाई कर्मी लोकतंत्र व कानून का उल्लंघन करते हैं तो कार्रवाई की जाएगी।

-ओमप्रकाश, एसपी सिटी मेरठ

नगर निगम कर्मचारियों द्वारा एमडीए की संपत्ति को नुकसान पहुंचाना का मामला संज्ञान में नहीं है। यदि ऐसा है तो नगर आयुक्त से इस बारे में बात की जाएगी। दोषी लोगों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

-राजेश कुमार यादव, वीसी एमडीए

किसी मांग के लिए जनता को परेशानी में डालना कोई सही बात नहीं है। होना तो यह चाहिए कि ऐसे मसलों में जनता का सपोर्ट लिया जाए, बजाय इसके कर्मचारी जनता के दुश्मन बने हुए हैं। उद्यमियों के स्तर से जो मदद बनेगी की जाएगी।

-पंकज गुप्ता, आईआईए

नगर निगम कर्मचारियों की मांगे जायज हैं, लेकिन मांगों को मनवाने तरीका बिल्कुल गलत है। इसका जवाब जनता ही दे सकती है। यदि जनता एकजुट होकर सफाई में जुट जाए तो समस्या का स्थायी समाधान को सकता है।

-नवीन गुप्ता, अध्यक्ष संयुक्त व्यापार संघ

शहर की सफाई व्यवस्था बिल्कुल बिगड़ी हुई है। इस मामले में शासन और प्रशासन दोनों को सख्त कदम उठाना चाहिए। जनता को परेशानी में डालकर कोई आंदोलन नहीं किया जा सकता। ये अलोकतांत्रिक तरीका है।

-डीडी शर्मा, अध्यक्ष मेरठ बार एसोसिएशन

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डॉक्टर्स की जिम्मेदारी सिर्फ इलाज?

स्वाइन फ्लू जैसी जानलेवा बीमारी से शहर को अभी पूरी तरह निजात नहीं मिली थी कि शहर की गंदगी किसी नई बीमारी को जन्म देने के लिए तैयार है। ऐसे में यह सवाल स्वाभाविक है कि डॉक्टर्स की जिम्मेदारी क्या केवल लोगों के इलाज तक सीमित है? कुछ दिन पहले की बात है, जब एक क्लीनिक पर तोड़फोड़ को लेकर शहर के डॉक्टर्स ने एकजुट होकर हड़ताल की चेतावनी दी थी। अब गंदगी पर आईएमए की चुप्पी पब्लिक को हैरानी में डाल रही है।

शहर गंदगी की जद में है। ऐसे में पीलिया, डायरिया व वायरल जैसी तमाम बीमारियां पैदा हो सकती हैं। जनता को प्रभावित करने वाली हर स्ट्राइक पर सरकार को बैन लगा देना चाहिए।

-डॉ। तनुराज सिरोही, आईएमए