-एसआरएमएस में सीएमई एंड हैंड्स ऑन कैडवेरिक सब्जेक्ट पर हुआ वर्कशॉप

BAREILLY:

एसआरएमएस के डिपार्टमेंट ऑफ एनिस्थिसियोलॉजी एंड पेन मैनेजमेंट की ओर से संडे को एक वर्कशॉप का आयोजन हुआ।

'सीएमई एंड हैंड्स ऑन कैडवेरिक' सब्जेक्ट पर हुई इस वर्कशॉप में देश भर से लगभग 150 से अधिक डॉक्टर्स के अलावा पीजी के स्टूडेंट्स ने भाग लिया। वर्कशॉप में मौजूद डॉ। आशु जैन ने बताया कि किसी भी दर्द में पेन किलर दवाइयों का ज्यादा इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। इसके गंभीर नतीजे हो सकते हैं और कई अन्य बीमारियों का खतरा हो सकता है। वहीं नई दिल्ली से आए पेन फिजिशयन डॉ। मनीष राज ने बताया कि कई बार दर्द की वजह गैस भी हो सकती है। ऐसे में डॉक्टर्स के परामर्श के बाद ही दवा लेनी चाहिए। वर्कशॉप का इनॉग्रेशन संस्थान के चेयरमैन देव मूर्ति ने किया।

बीमारी का जड़ से इलाज जरूरी

वर्कशॉप में शामिल होने पहुंचे गुड़गांव के मेदांता हॉस्पिटल के डॉ। राज कुमार ने स्लिप डिस्क पर टिप्स दिए। उन्होंने स्लिप डिस्क से होने वाली परेशानियों पर अहम जानकारी दी। डॉ। राज कुमार ने बताया कि किसी भी बीमारी के इलाज केलिए बीमारी की मूल जड़ तक पहुंच कर ही इलाज संभव हो सकता है। वहीं डॉ। रजत गुप्ता ने जोड़ों के दर्द के निदान व कारगर इलाज पर अपने विचार रखे। डॉ। रजत गुप्ता ने बताया कि एक उम्र के बाद जोड़ों के दर्द की समस्या आम दिक्कत बन जाती है, इसकी रोकथाम के लिए रेगुलर एक्सरसाइज व खानपान में सावधानियां बरत काफी हद तक बचा जा सकता है। इस मौके पर प्रशासनिक निदेशक आदित्य मूर्ति, प्रिंसिपल प्रोफेसर डॉ। आरसी पुरोहित और आयोजन सचिव डॉ। महेश कश्यप भी मौजूद रहे।