i reality check
-भीषण गर्मी में इलाज कराने को मजबूर हैं एसआरएन के मरीज
-वार्डो में अभी नहीं लगे हैं कूलर, मेडिसिन आईसीयू से हटाए गए एसी
-गर्मी और पसीने से बढ़ जाते हैं इंफेक्शन के चांसेज
vineet.tiwari@inext.co.in
ALLAHABAD: मंडल के सबसे बड़े एसआरएन हॉस्पिटल में मरीज 40 डिग्री सेल्सियस की गर्मी में बिना कूलर-एसी के इलाज कराने को मजबूर हैं। उन्हें पंखे के भरोसे वार्डो में भर्ती कराया जा रहा है। जबकि अधिक तापमान होने पर इंफेक्शन का खतरा बढ़ने लगा है। यह सब होने के बावजूद डॉक्टर अनजान बने हुए हैं। दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने मंगलवार को एसआरन के विभिन्न वार्डो का जायजा लिया तो हालात यूं मिले
सिर्फ नाम का पंखा, नहीं लगती हवा
स्थान: वार्ड नंबर एक
समय: दोपहर 12:40 बजे
हड्डी रोगियों के इस वार्ड में मरीजों को भीषण गर्मी में महज पंखे का सहारा है। यहां अभी तक एक भी कूलर चल नहीं रहा है। मरीजों के शरीर में प्लास्टर बंधा होने की वजह से लगातार पसीना आता है। ऐसे में केवल पंखे की हवा से कुछ नहीं होगा। मरीजों का कहना है कि हॉस्पिटल प्रशासन को जल्द कूलर का इंतजाम करना होगा।
कबाड़ में रखे हैं कूलर
स्थान: स्टोर
टाइमिंग: दोपहर 12:55 बजे
एक ओर वार्डो में गर्मी से मरीज परेशान हैं। दूसरी ओर हॉस्पिटल प्रशासन की लापरवाही से कूलर स्टोर रूम में कबाड़ में तब्दील हो रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक इन कूलर्स की मरम्मत हो चुकी है लेकिन वार्डो में कौन लगाए, यह बड़ा सवाल है।
भला हो जूनियर डॉक्टर्स का
स्थान: सर्जरी वार्ड
टाइमिंग: दोपहर 1:05 बजे
इस वार्ड में कूलर और एसी की सबसे ज्यादा जरूरत होती है। सर्जरी के बाद आने वाले मरीजों को अगर सही वेंटिलेशन नहीं मिला तो घाव में इंफेक्शन के चांसेज होते हैं। लेकिन, इस वार्ड में सरकारी कूलर खराब पड़े थे और इनकी जगह जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन द्वारा दान किए गए कूलर मरीजों को गर्मी से निजात दिला रहे थे।
घर से लाकर लगाना पड़ा पंखा
स्थान: सर्जरी वार्ड मेल
टाइमिंग: दोपहर 1:15 बजे
सर्जरी वार्ड मेल में भर्ती गंभीर मरीजों के परिजन मजबूरीवश अपने घर से लाकर पंखे-कूलर लगा रहे हैं। प्रतापगढ़ के एक मरीज के परिजन ने बताया कि गर्मी की वजह से मरीज को परेशानी हो रही थी। ऐसे में बाजार से नया फर्राटा खरीदकर लगाया गया है।
हॉस्पिटल प्रशासन के खोखले दावे
एक ओर वार्डो में मरीज गर्मी से परेशान हैं तो दूसरी ओर हॉस्पिटल का दावा है कि सभी पंखों और कूलर की मरम्मत हो चुकी है। उनका कहना है कि गर्मी से बचाव के सभी संसाधन मौजूद हैं। उनका यह भी कहना है कि मेडिसिन आईसीयू से निकाले गए एसी की जगह सेंट्रलाइज्ड एसी लगाए जाएंगे। अधिकारियों की माने तो 78 कूलर की मरम्मत हो चुकी है और इनको मई में वार्डो में लगवाया जाएगा। उनके हिसाब से सभी पंखे बन चुके हैं। कोई भी मरीज गर्मी से परेशान नहीं है।
फैक्ट फाइल
एसआरएन हॉस्पिटल
1000 कुल बेड
3000 रोजाना आने वाले मरीजों की संख्या
40 से 50 रोजाना भर्ती होने वाले मरीज
78 है हॉस्पिटल में कुल फिट कूलर की संख्या
10 है नए खरीदे कूलर की संख्या
125 है मरम्मत किए गए एसी की संख्या
9 हैं हॉस्पिटल में चालू कुल वाटर कूलर
कॉलिंग
इतनी अधिक गर्मी पड़ रही है और मरीजों को लेकर पंखे की हवा में गुजारा करना पड़ रहा है। वार्ड में कूलर भी रखे हैं, लेकिन वह काम नहीं कर रहे हैं।
-मनोज
धीरे-धीरे गर्मी बढ़ रही है। इसकी वजह से दिनभर पसीने से परेशान होना पड़ता है। पंखे काफी पुराने हो चुके हैं और उनमें अधिक दम नहीं बचा है।
-रामसेवक
कम से कम दो बेड पर तो एक कूलर लगाना चाहिए। जो मरीज भर्ती है उसे हवा की सख्त जरूरत है। लगातार पसीना आने से मरीज परेशान हो जाता है।
-रामस्वरूप
मरीज को गर्मी से दिक्कत हो रही थी इसलिए घर से पंखा लेकर आए हैं। यहां पर तो एक छत पर पंखा लगा है जिसकी चाल काफी धीमी है।
-विमला देवी
बेड पर भर्ती मरीज जाने के बाद पंखा या कूलर बंद करके नहीं जाता। लोग ध्यान दें तो यह आइटम खराब नहीं होंगे। यही कारण है कि इनकी मरम्मत में टाइम लगता है। कूलर बन गए हैं और जल्द ही वार्ड में शिफ्ट हो जाएंगे। इस साल से हमने मरम्मत का परमानेंट ठेका दे दिया है।
-प्रो। एसपी सिंह, प्रिंसिपल, एमएलएन मेडिकल कॉलेज