मेरठ। एसएसपी के खिलाफ वकीलों का विरोध प्रदर्शन समाप्त हो गया। कचहरी में अधिवक्ताओं व एसएसपी के बीच बातचीत हुई। जिसमें एसएसपी ने लाठीचार्ज पर खेद जताया। इसके बाद वकीलों ने न्यायिक कार्य पर वापस लौटने की घोषणा की।

 

विरोध करना पड़ा भारी

गौरतलब है 14 अक्टूबर को वकीलों ने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केसरी नाथ त्रिपाठी के मेरठ आगमन पर विरोध किया था। आरोप था कि इस दौरान पुलिस के लाठी चार्ज में विनोद राणा, सीनियर वकील एनपी सिंह, अभय त्यागी, ओपी शर्मा, अलका, गगन, अनिल जंगाला समेत कई वकील घायल हो गए थे। जिससे नाराज मेरठ बार एसोसिएशन ने एसएसपी हटाओ अभियान चला रखा था।

 

चल रही थी वार्ता

सोमवार को कचहरी में मेरठ बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रोहिताश्व अग्रवाल व महामंत्री प्रबोध शर्मा व एसएसपी मंजिल सैनी के बीच समझौते पर वार्ता चली। जिसमें सभी अधिवक्ताओं के सामने एसएसपी ने कहा कि वकीलों के साथ कोई मनमुटाव नहीं है। गलतफहमी के कारण कुछ पुलिस कर्मियों ने लाठीचार्ज किया था। इसके बाद अधिवक्ताओं ने न्यायिक कार्य पर वापस लौटने की घोषणा की।

 

स्टेट बार काउंसिल का आज विरोध

पुलिस के लाठीचार्ज के विरोध में स्टेट बार काउंसिल ने भी 24 अक्टूबर को विरोध दिवस मनाने की घोषणा की है। मंगलवार को भी वकील कार्य का बहिष्कार करेंगे।

जज की रही महत्वपूर्ण भूमिका अधिवक्ताओं व एसएसपी के बीच सीनियर जज की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही। कई दिनों से कचहरी में न्यायिक कार्य प्रभावित था।

 

एसएसपी मंजिल सैनी ने सीनियर अधिवक्ताओं के सामने खेद प्रकट कर दिया है। इसलिए मेरठ बार एसोसिएशन की तरफ से हड़ताल समाप्त कर दी गई है।

प्रबोध शर्मा, सेकेट्री, मेरठ बार एसोसिएशन

 

मेरठ बार एसोसिएशन के सीनियर अधिवक्ताओं से बातचीत हो गई है। जो कुछ भी हुआ था वह गलतफहमी के कारण हुआ था। वकीलों से पुलिस का कोई मनमुटाव नहीं था।

मंजिल सैनी एसएसपी मेरठ