-सूख गया है जेएससीए स्टेडियम, गिरने पर प्लेयर्स को लगती है चोट

-18 बोरिंग होने के बाद भी पानी की है किल्लत

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RANCHI (26 Feb)

भले ही शुक्रवार को झमाझम बारिश हुई हो, लेकिन धुर्वा स्थित झारखंड स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन (जेएससीए) क्रिकेट स्टेडियम प्यासा है। पानी के बिना हरे-भरे मैदान के लिए मशहूर इस ग्राउंड की हरियाली दम तोड़ रही है। घास सूख गई है, वहां मैदान से बालू निकलने लगा है। आउटफील्ड में भी धब्बे नजर आने लगे हैं। हाल ऐसा हो गया कि भारत-श्रीलंका वीमेंस क्रिकेट मैच के दौरान ग्राउंड पर गिरने से प्लेयर्स चोटिल भी हुए हैं। जानकारी मिली है कि दोनों टीमों की कप्तान ने इसकी शिकायत भी की है। भारत श्रीलंका टी-ख्0 मैच के दौरान भी रवि शास्त्री ने ये कमेंट किया था कि इस ग्राउंड का आउटफिल्ड ठीक नहीं है और यहां फिल्डिंग करना खतरे से खाली नहीं।

डीप बाेरिंग फेल

ऐसा नहीं है कि जेएससीए व‌र्ल्ड के बेस्ट स्टेडियम में शुमार इस ग्राउंड को लेकर चिंतित नहीं है। पानी की कमी दूर करने के लिए एसोसिएशन लगातार प्रयास कर रहा है। पानी की किल्लत खत्म करने के लिए स्टेडियम कैंपस में क्8 डीप बोरिंग कराए गए हैं। इनमें से क्7 बोरिंग फेल हो गए और एक बोरिंग मे आठ सौ फीट के बाद मात्र एक इंच पानी मिला। ऐसे में ग्राउंड में पानी पटाने में काफी परेशानी हो रही है। स्टेडियम के लिए रोज क्भ् हजार गैलेन पानी की जरूरत है, लेकिन इतना पानी नहीं मिल रहा है। हटिया डैम से तीन दिन में डेढ़ घंटे पानी की सप्लाई की जाती है, नाकाफी है। एक्सपर्ट के मुताबिक मैदान को हरा-भरा रखने के लिए रोज पानी का छिड़काव जरूरी है। आश्चर्य की बात तो यह है कि स्टेडियम की चहारदीवारी से क्00 मीटर दूर जितने भी डीप बोरिंग हुए हैं वो सफल हैं। वहीं पानी की किल्लत को देखते हुए जेएससीए वाटर हार्वेस्टिंग से हरियाली को वापस लाने की कोशिश कर रहा है।

इस सीजन में ब्0 मैच

जेएससीए स्टेडियम के दोनों ग्राउंड में इस सेशन में बीसीसीआई द्वारा संचालित विभिन्न टूर्नामेंट के ब्0 से अधिक मैच हो चुके हैं। इस वजह से भी मैदान को रख-रखाव के लिए अधिक समय नीं मिला।

हमारा प्रयास है कि स्टेडियम में किसी तरह पानी की समस्या दूर की जाए, जिससे स्टेडियम की हरियाली वापस लाई जा सके। इसके लिए काम हो रहा है।

-अमिताभ चौधरी, प्रेसिडेंट, जेएससीए