कर्मचारी चयन आयोग मध्य क्षेत्र के आफिस के सामने तीसरे दिन प्रतियोगियों ने भरी हुंकार

ALLAHABAD: कर्मचारी चयन आयोग की पिछले पांच वर्षो में हुई भर्ती परीक्षाओं की सीबीआई जांच सुप्रीमकोर्ट के जज की निगरानी में कराए जाने सहित पांच सूत्री मांगों को लेकर प्रतियोगियों का प्रदर्शन आयोग के मध्य क्षेत्र के आफिस के सामने मंगलवार को भी चलता रहा। सुबह नौ बजे से ही बड़ी संख्या में आफिस पर एकत्र हुए प्रतियोगियों ने दिनभर आयोग के चेयरमैन असीम खुराना की एक दवाई, निलंबन की हो कार्रवाई का नारा लगाते रहे। बीच-बीच में उग्र हो रहे प्रतियोगियों को आंदोलन की अगुवाई कर रहे संतोष सिंह, सर्वेश मिश्रा, पुष्पा सिंह व कमर आलम खां शांत कराते रहे।

एक रास्ता किया गया ब्लॉक

आयोग के मध्य क्षेत्र स्थित आफिस के सामने तीसरे दिन प्रतियोगी ज्यादा उग्र दिखे तो पुलिस प्रशासन ने बालसन चौराहे से लेकर मेडिकल चौराहे तक एक रूट को बंद कर दिया। किसी अप्रिय घटना को रोकने के लिए जार्जटाउन कोतवाली की फोर्स भी मौजूद रही। हालांकि सैकड़ो की संख्या में जुटे प्रतियोगियों ने शांति बनाए रखी। शाम को प्रतियोगियों के प्रतिनिधिमंडल ने अधिकारियों से वार्ता की लेकिन कोई निष्कर्ष नहीं निकला। प्रतियोगियों ने दो टूक कहा कि जब तक हमारी मांगों पर लिखित आश्वासन नहीं दिया जाता है तब तक प्रदर्शन चलता रहेगा।

प्रतियोगियों की प्रमुख मांगें

- 17 से 22 फरवरी की परीक्षा की सीबीआई जांच नहीं बल्कि वर्ष 2013 से लेकर 2017 तक की सीजीएल, सीपीओ, एमटीएस व स्टेनो परीक्षा की सीबीआई जांच सुप्रीमकोर्ट के जज की निगरानी में एक निश्चित समय सीमा छह महीने में की जाए।

- एसएससी सीजीएल 2017 टियर-टू के संख्यात्मक अभियोग्यता परीक्षा पत्र की पुनर्परीक्षा जो नौ मार्च को आयोजित होनी है और सीजीएल टियर-वन की जो परीक्षा चल रही है उसे तत्काल प्रभाव से स्थगित किया जाए।

- न्यायिक प्रक्रिया में होने वाले विलंब से कोई ऐसा अभ्यर्थी जिसका यह अंतिम प्रयास हो उसे आयु सीमा में यथोचित छूट दी जाए।

- तत्काल प्रभाव से गली-मोहल्ले में कुकरमुत्तों की तरह उगे प्राइवेट आनलाइन सेंटर पर परीक्षा पर पूर्णतया रोक लगाई जाए। क्योंकि नकल कराने का बड़ा माध्यम ये सेंटर हो गए हैं।

-कर्मचारी चयन आयोग के चेयरमैन असीम खुराना को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाए।