उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र में कला मंडली नई दिल्ली द्वारा नाटक 'नुगरा का तमाशा' का मंचन

ALLAHABAD: समूहन कला संस्थान की ओर से उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र के सभागार में चल रहे समूहन भ्राम्यमान नाट्य समारोह के दूसरे दिन कला मंडली नई दिल्ली के कलाकारों ने नाटक नुगरा का तमाशा का मंचन किया। संगीत नाटक अकादमी नई दिल्ली के उपसचिव व नाटक के निर्देशक सुमन कुमार की अगुवाई में कलाकारों ने अंधविश्वास जैसी कुप्रथा पर करारा प्रहार किया। नाटक की कहानी अलबेला नाम के एक ऐसे युवक के इर्दगिर्द घूमती है जो बहुत मन्नतों के बाद पैदा हुआ और जिसकी परवरिश अंधविश्वासों में हुई है।

अलबेला के माता-पिता इस अंधविश्वास में पड़ गए कि यदि अलबेला ने 22 साल की उम्र के पहले किसी कुंवारी कन्या का चेहरा देखा तो उसे सांप डस लेगा। इस वजह से अलबेला की शादी अल्प आयु में ही कर दिया जाता है और 22 साल तक उसे एक कमरे में बंद रखा जाता है। इसके बाद जब अलबेला अपनी पत्‍‌नी को लेकर ससुराल से निकला तो रास्ते में उसे एक सपेरा मिला जो सांप को टोकरी में बंद कर रहा था।

कहानी में मोड़ तब आता है जब एक बालक अलबेला से कहता है कि सांप एक जीवित प्राणी है और उसे भी जीने का अधिकार है। नाटक इस संदेश के साथ समाप्त होता है कि मारना चाहते हो तो अपने अंदर के सांप को मारो। मुख्य अभिनेता सुमन कुमार के अभिनय को दर्शकों ने खूब सराहा। संस्था के निदेशक राजकुमार शाह ने कलाकारों का स्वागत किया।

एकेडेमी में हुई संगोष्ठी

समूहन कला संस्थान की ओर से हिन्दुस्तानी एकेडेमी में कला, संस्कृति और मीडिया का अ‌र्न्तसंबंध विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। लोक सेवा आयोग के पूर्व अध्यक्ष प्रो। केबी पांडेय ने कहा कि दूर देश जाने पर हमें अपनी संस्कृति का स्पष्ट स्वरूप दिखाई देता है। एकेडेमी के कोषाध्यक्ष रविनंदन सिंह ने संस्कृति को साफ्टवेयर और सभ्यता की संज्ञा दी तो धनंजय चोपड़ा ने कम्युनिकेशन से संबंधित बातों पर प्रकाश डाला। संचालन डॉ। संतोष कुमार गुप्ता का रहा।