- बैलेंस कास्टिंग में कटिंग का आरोप

BAREILLY:

नोटबंदी के दौरान एसबीआई मेन ब्रांच ने रिकॉर्ड की हेराफेरी और दस्तावेजों पर कटिंग कर करेंसी चेस्ट से डायरेक्ट करोड़ों रुपए का कालाधन बदल दिया गया था। एक-एक दिन में 30-35 लाख रुपए एसबीआई मेन ब्रांच से बदले गये। सूत्रों की मानें तो करेंसी चेस्ट के प्रभारी राजेंद्र कुमार को भी इसी आरोप में पटल से हटाया गया है। हालांकि, करेंसी चेस्ट के दूसरे प्रभारी पर एसबीआई मेन ब्रांच के आला अधिकारियों की मेहरबानी बनी हुई है। ऐसा माना जा रहा है कि दूसरे अधिकारी की अफसरों से नजदीकियों के चलते उसे हटाया नहीं गया। उधर, सीबीआई की कार्रवाई के बाद आयकर विभाग भी हरकत में आ गया है। उसे भी मामले की दोबारा से जांच शुरू कर दी है।

करोड़ों रुपए की हुई है हेराफेरी

ब्रांच के अज्ञात अफसरों पर सीबीआई ने बीते दिनों धोखाधड़ी समेत अन्य धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कराई है। इसके बाद से ही बैंक अधिकारियों में खलबली मची हुई है। सीबीआई ने अपनी रिपोर्ट में नोटबंदी के दौरान पुराने नोट बदलने व जमा करने का रिकॉर्ड नहीं होने व रजिस्टरों पर कटिंग किए जाने का आरोप लगाया है। इसके बाद स्थानीय स्तर पर अधिकारियों ने बीते दिन करेंसी चेस्ट प्रभारी उप प्रबंधक राजेंद्र कुमार को वहां से हटा दिया गया है। जब इस मामले में राजेंद्र कुमार से बात की गई तो उनका कहना था कि मुझे पटल से क्यों हटाया गया इसकी जानकारी अधिकारी नहीं दे रहे है। आईडी लेकर ही कैश बदले गये हैं।

दूसरे इंचार्ज पर मेहरबान अधिकारी

वहीं दूसरी ओर राजेंद्र कुमार के समकक्ष महेंद्र सक्सेना पर अधिकारियों ने रहम बनाए रखा है। दरअसल, करेंसी चेस्ट में डबल लॉक सिस्टम होता है। उप प्रबंधक राजेंद्र कुमार के साथ ही उनके समकक्ष महेंद्र सक्सेना भी चेस्ट को चलाते हैं। दोनों के पास एक-एक चाबी होती है। चेस्ट से कैश निकालने व जमा करने के लिए दोनों की चाबियों का इस्तेमाल होता है। अफसरों ने सिर्फ एक ही उप प्रबंधक को हटाया, जबकि दूसरे पर कार्रवाई नहीं की। सूत्रों से पता चला है कि महेंद्र सक्सेना की बैंक के उच्च अधिकारी से नजदीकियां हैं। इस प्रभाव के चलते उन पर कार्रवाई नहीं हुई।

जांच में जुटे रहे अधिकारी

वहीं, दूसरी ओर ट्यूजडे को छुट्टी होने के बाद भी इंटर्नल काम के लिए एसबीआई मेन ब्रांच खुला रहा। अधिकारियों ने अपने स्तर से फिर एक बार दस्तावेजों की जांच भी शुरू कर दी है। स्थानीय स्तर पर बनाई गई टीम ने ट्यूजडे को भी बैंक के रिकार्ड चेक किए। नए खुले खातों में केवाईसी, आईडी, पैन आदि देखा।

यह है मामला

सीबीआई ने दो जनवरी को सिविल लाइंस स्थित एसबीआई की मुख्य शाखा में छापेमारी की थी। तीन दिन रुककर वहां रिकार्ड खंगालें। अधिकारियों व कर्मचारियों से पूछताछ भी की और जरूरी दस्तावेजों को जब्त भी किया। बीते दिन सीबीआई ने नोटबंदी के दौरान दो हजार से अधिक नए खाते खोलकर करीब आठ करोड़ रुपये उन खातों में जमा करने का आरोप लगाते हुए अज्ञात अधिकारियों व लोगों पर धोखाधड़ी समेत अन्य धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कराई। बैंक के चेयरमैन समेत आला अफसर लगातार इस मामले की जानकारी ले रहे हैं।