- गर्मी बढ़ते ही हर जोन में बढ़ने लगी पानी की खपत

- 10 प्रतिशत बढ़ी पानी की डिमांड, 15 प्रतिशत वेस्टेज भी बढ़ी

LUCKNOW

गर्मी बढ़ने के साथ ही पेयजल की मांग में भी अप्रत्याशित उछाल देखने को मिल रहा है। आलम यह है कि पिछले चार दिन में ही जलकल के हर जोन में पानी की मांग बढ़ गई है। हैरानी की बात यह है कि जितनी तेजी से मांग बढ़ी है, उतनी ही रफ्तार से पानी की बर्बादी के ग्राफ में भी उछाल आया है। महकमे की ओर से जनता की प्यास बुझाने के लिए जल आपूर्ति तो की जा रही है लेकिन डिमांड की रफ्तार को देखते हुए आशंका है कि आने वाले दिनों में इंदिरा नगर और गोमती नगर की तरह ही अन्य इलाकों में भी पानी की आपूर्ति की जा सकती है।

जोनवार तस्वीर एक नजर में

जोन-1 लालबाग

उपभोक्ता-43 हजार करीब

ट्यूबवेल-101

हैंडपंप-650

पानी की मांग बढ़ी-8 से 10 प्रतिशत

जोन-2 ऐशबाग

उपभोक्ता-46 हजार करीब

ट्यूबवेल-65

हैंडपंप-1058

पानी की मांग बढ़ी-7 से 9 प्रतिशत

जोन-3 अलीगंज

उपभोक्ता-67 हजार

ट्यूबवेल-130

हैंडपंप-800

पानी की मांग बढ़ी-8 से 10 प्रतिशत

जोन-4 गोमतीनगर

उपभोक्ता-36 हजार

हैंडपंप-600-700

पानी की मांग बढ़ी-6 से 8 प्रतिशत

जोन-5 आलमबाग

उपभोक्ता-33 हजार

ट्यूबवेल-52

हैंडपंप-1 हजार करीब

पानी की मांग बढ़ी-10 से 12 प्रतिशत

जोन-6 बालागंज

उपभोक्ता-1 लाख 7 हजार

ट्यूबवेल-88

हैंडपंप-3 हजार

पानी की मांग बढ़ी-8 से 10 प्रतिशत

जोन-7 इंदिरा नगर

उपभोक्ता-45 हजार

ट्यूबवेल-68

हैंडपंप-350

पानी की मांग बढ़ी-8 से 10 प्रतिशत

जोन 8, साउथ सिटी

उपभोक्ता-49 हजार

ट्यूबवेल-112

हैंडपंप-1500

पानी की मांग बढ़ी-7 से 8 प्रतिशत

इंदिरा नगर-गोमतीनगर में स्थिति खराब

कठौता झील में पानी की आपूर्ति बंद होने से इंदिरा नगर और गोमतीनगर में पेयजल आपूर्ति के समय में कटौती कर दी गई है। पहले जहां 12 घंटे आपूर्ति होती थी, वहीं जानकारी के अनुसार, अब सुबह और शाम मिलाकर तीन-तीन घंटे पेयजल आपूर्ति की जा रही है। जानकारी सामने आई है कि आने वाले दिनों में आपूर्ति के समय में और भी कमी की जा सकती है।

लगाए जा रहे केआर-2 पंप

गोमतीनगर व इंदिरा नगर में पानी का संकट दूर करने के लिए केआर-2 पंप लगाए जा रहे हैं। जोन 4 के अधिशासी अभियंता बीएन मिश्रा ने बताया कि अभी तक 11 पंप लगाए जा चुके हैं। इससे फायदा यह होगा कि नहर के बॉटम से पानी हमारे चैनल में आ सकेगा और निर्बाध जलापूर्ति की जा सकेगी।

गऊघाट का भी जलस्तर घट रहा

ऐशबाग समेत कई इलाकों में गऊघाट से आपूर्ति की जाती है। जानकारी के अनुसार, यहां जलस्तर धीरे-धीरे कम हो रहा है। इस समय गऊघाट का जलस्तर 346.9 फीट है। जब यह जलस्तर 346.7 फीट पहुंच जाएगा, तो जलसंकट शुरू हो जाएगा। इस स्थिति को लेकर जलकल की ओर से सिंचाई विभाग को अवगत करा दिया गया है। सिंचाई विभाग ने आश्वस्त किया है कि पानी का स्तर कम नहीं होने दिया जाएगा।

- 600 मिलियन लीटर रोजाना डिमांड

- 550 मिलियन लीटर रोजाना आपूर्ति

- 500-600 लीटर डेली हर व्यक्ति को जरूरत

- 110 शहर में कुल वार्ड

- 50 फीसदी हर वार्ड में हैंडपंप सूखे

- 68532.78 हेक्टेयर मीटर शहर में भूगर्भ जल का स्तर

- 10635.96 हेक्टेयर मीटर भूगर्भ जल की उपलब्धता

संसाधन एक नजर में

-121 कुल ओवरहैड टैंक

-30 से 35 अंडरग्राउंड टैंक

-670 ट्यूबवेल

-22 हजार कुल हैंडपंप

जल उत्पादन स्त्रोत व क्षमता

स्रोत उत्पादित जल की मात्रा (एमएलडी) लीकेज (प्रतिशत) बिक्री योग्य जल (एमएलडी)

नदी 400 80.00 308.80

नलकूप 350.00 70.00 270.20

योग 750.00 150.00 579.00

जलस्रोत का मेंटीनेंस खर्च (18-19)

स्रोत व्यय (लाखों में)

नलकूपों, मोटर पंप मरम्मत आदि 360.00

हैंडपंप मरम्मत 150.00

पाइप लाइन मरम्मत 250.00

पानी की बर्बादी रूकना जरूरी

जिस रफ्तार से शहर की आबादी बढ़ी है, उसी रफ्तार से पानी की बर्बादी भी। जानकारों की माने तो पहले जहां हर घर में (पांच सदस्य) प्रतिदिन पानी का खर्च 1 हजार लीटर प्रतिदिन था, वहीं अब खपत का आंकड़ा 3 हजार से 3500 लीटर तक पहुंच गया है। इसमें से 10 से 15 फीसदी पानी की सिर्फ बर्बादी हो रही है।

एक मीटर तक घटा जलस्तर

शहर के कई इलाकों में जहां 50 से 60 सेमी। तक जलस्तर गिर रहा है, वहीं दो इलाके ऐसे हैं, जहां हर साल जलस्तर 1 से 1.5 मीटर तक गिर रहा है। जिससे इन इलाकों में रहने वाले लोगों को जलसंकट का सामना करना पड़ता है।

यहां एक मीटर तक घटा जलस्तर (प्री मानसून)

इलाका घटा जलस्तर (मी.)

जेलरोड 1.71

टूडि़यागंज 1.38

घटता जलस्तर अन्य इलाकों में

इलाके घटता जलस्तर (सेमी.)

एयरपोर्ट 0.22

अमराई 0.03

कैंट सदर 0.48

दीनदयाल नगर 0.73

फैजुल्लागंज 0.17

आलमबाग 0.74

सीतापुर रोड 0.62

जलालपुर क्रासिंग 0.84

कुकरैल फॉरेस्ट 0.34

लालकुर्ती 0.67

लामार्ट 0.64

लालबाग 0.72

माधोपुर 0.67

महानगर 0.52

नौबस्ता 0.50

चिनहट 0.58

पुरनिया 0.76

अलीगंज 0.59

त्रिवेणीनगर 0.82

(ये सभी आंकड़े प्रतिवर्ष प्री मानसून के हैं.)

हर जोन में घटा 2 से 3 फीट पानी

भूगर्भ जल विभाग के साथ-साथ अब अगर जलकल के आंकड़ों पर गौर फरमाए तो जलसंकट की भयावहता और भी अधिक आसानी से समझ में आ सकती है। शहर में जलकल के आठ जोन हैं। हर एक जोन में हर साल 2 से 3 फीट पानी गिर रहा है। जिसकी वजह से हर साल 50 से अधिक सबमर्सिबल जवाब दे रहे हैं, जबकि हजारों हैंडपंप इतिहास बन चुके हैं।

जोन वर्तमान जलस्तर (फीट में) दस साल पहले स्थिति (फीट में)

1 180-200 140-150

2 120 80

3 150 120-125

4 140-150 120-125

5 155 130-135

6 130 115-120

7 160 140

8 125-135 55-60