प्रस्ताव पर उठ रही है उंगली   
सरकार के इस प्रस्ताव पर उंगली भी उठ रही हैं. इस फैसले से वसंत विहार की मल्टीस्टोरी बिल्डिंग के फ्लैट और रोहिणी में मल्टीस्टोरी बिल्डिंग के फ्लैट का रजिस्ट्रेशन एक ही रेट पर होगा, जबकि दोनों जगह जमीन के रेट में जमीन और आसमान का फर्क है. दिल्ली के रेवेन्यू डिपार्टमेंट के कमिश्नर का काम देख रहे धर्मपाल का भी मानना है कि इस समानता को वे खत्म करना चाहते थे, लेकिन नहीं कर पाए. धर्मपाल का कहना है कि सर्कल रेट बढ़ने से दिल्ली सरकार को 20 फीसदी रेवेन्यू ज्यादा मिलेगा. अभी हर महीने करीब 200 करोड़ का रेवेन्यू प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन से मिलता था, अब 240 करोड़ रुपये के आसपास रेवेन्यू मिलेगा.

'मार्केट रेट के मुताबिक नहीं बढ़े हैं सर्कल रेट'
प्रॉपर्टी एक्सपर्ट श्याम मोहन अग्रवाल का कहना है कि जो भी सर्कल रेट बढ़े हैं वे मार्केट रेट के मुताबिक नहीं हैं. लोग पिछले कई सालों से इसका विरोध कर रहे हैं. खासतौर पर मल्टीस्टोरी, औद्योगिक और कमर्शियल इलाकों में ज्यादा विरोध है. इनकी दोबारा से समीक्षा करने की जरूरत है. रेवेन्यू डिपार्टमेंट ने 4 मंजिला से ज्यादा की इमारतों, प्राइवेट बिल्डर के फ्लैट, ग्रुप हाउसिंग सोसायटीज के लिए 20 फीसदी सर्कल रेट बढ़ाकर 87,360 रुपये प्रति वर्ग मीटर कर दिया है. भले ही दिल्ली के किसी भी एरिया में यह प्रॉपर्टी क्यों न हो, जबकि प्रॉपर्टी रेट सभी इलाकों का 100800 रुपये प्रति वर्ग मीटर कर दिया गया है.

ताकि प्रॉपर्टी में लगने वाली ब्लैक मनी पर लगे रोक
दिल्ली सरकार के अधिकारियों का कहना है कि राजधानी में अभी भी सर्कल रेट और प्रॉपर्टी के मार्केट रेट के बीच में 200 फीसदी से भी ज्यादा का गैप है. सर्कल रेट इसलिए बढ़ाए गए हैं ताकि प्रॉपर्टी में लगने वाली ब्लैक मनी पर कंट्रोल किया जा सके.

हो रहा था रेवेन्यू लॉस
सर्कल रेट और मार्केट रेट में काफी गैप होने के कारण दिल्ली सरकार के रेवेन्यू को काफी लॉस हो रहा था. सर्कल रेट के बढ़ने से राजधानी में प्रॉपर्टी की खरीद फरोख्त करना महंगा हो जाएगा. लोगों को प्रॉपर्टी का रजिस्ट्रेशन कराने के लिए अब ज्यादा कीमत चुकानी पड़ेगी.

250 कॉलोनियों का सर्वे
सर्कल रेट बढ़ाने के लिए दिल्ली सरकार के रेवेन्यू डिपार्टमेंट ने एक कमेटी का गठन किया था. कमेटी में रेवेन्यू डिपार्टमेंट के अलावा, एमसीडी के प्रॉपर्टी टैक्स डिपार्टमेंट के अधिकारी, डीडीए व एलऐंड डीओ डिपार्टमेंट के अधिकारियों को शामिल किया गया था. डिपार्टमेंट का दावा है कि इस बार सर्कल रेट की रिपोर्ट तैयार करने के लिए राजधानी की करीब 250 कॉलोनियों का सर्वे किया गया. हर कैटिगरी में करीब 30 से 50 कॉलोनियों में सर्वे किया गया. प्रॉपर्टी के रजिस्ट्रेशन और सर्कल रेट तय करने के लिए रेवेन्यू डिपार्टमेंट ने कॉलोनियों को 8 कैटिगरी में बांटा है. ये कैटिगरी ए से लेकर एच तक हैं. इससे पहले 2012 में सर्कल रेट बढ़ाए गए थे.

क्या कहना है लोगों का
तमाम लोगों का कहना है कि सर्कल रेट तय करने का तरीका गलत है. रोहिणी को एक ही कैटिगरी में गिना जाता है, जबकि यहां पर ऐसी कॉलोनियां हैं जहां प्रॉपर्टी के रेट रोहिणी की पॉश कॉलोनियों के मुकाबले काफी कम हैं, लेकिन प्रॉपर्टी के रजिस्ट्रेशन के वक्त सबको बराबर सर्कल रेट चुकाने पड़ते हैं. ऐसा ही हाल राजधानी के अन्य इलाकों में भी है. इसलिए सर्कल रेट का निर्धारण कॉलोनी के हिसाब और वहां प्रॉपर्टी रेट के मुताबिक होना चाहिए.

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