नहीं रहे हॉकिंग

76 वर्ष के उम्र में वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग का बुधवार को निधन हो गया है। उनके तीनों बच्चों लूसी, रॉबर्ट और टिम ने शोक व्यक्त करते हुए इस बात की पुष्टि की। एक संयुक्त बयान में उन्होंने कहा है कि 'हम काफी दुखी है क्योंकि आज हमारे प्रिय पिता का निधन हो गया। वे महान वैज्ञानिक और असाधारण व्यक्ति थे जिनका काम और विरासत अनंत समय तक जीवित रहेगा। उनकी दृढ़ता और प्रतिभा का लोहा पूरी दुनिया मानती है। हम उन्हें हमेशा याद करेंगे।'

इस काम के लिए जाने जाते थे

दुनिया भर में मशहूर भौतिक विज्ञानी और कॉस्मोलॉजिस्ट हॉकिंग का जन्म 8 जनवरी, 1942 को हुआ था। उन्हें मुख्य रूप से ब्लैक होल और बिग बैंग की थ्योरी के लिए जाना जाता था। उनके पास 12 मानद डिग्रियां थीं। इसके अलावा उन्हें अमेरिका का सबसे उच्च नागरिक सम्मान भी दिया गया था।

21 वर्ष में बिमारी

1963 में 21 वर्ष की उम्र में हॉकिंग मोटर न्यूरोन बीमारी से ग्रस्त हो गए जिसके बाद डॉक्टरों का कहना था कि वे सिर्फ दो साल ही जी सकते थे। इस बीमारी के चलते हॉकिंग पर लकवा का अटैक हुआ और वे व्हीलचेयर पर निर्भर हो गये। इसके बाद वे अपने एक हाथ की कुछ अंगुलियों को ही हिला सकते थे। इसके चलते वह अपना हर काम जैसे नहाने, कपड़ा पहनने और खाने के लिए टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करने लगे। वे बोलने के लिए स्पीच सिंथेसाइजर का उपयोग करते थे, जिससे कंप्यूटराइज आवाज में अमेरिकी एक्सेंट के साथ वे बोल पाते थे।

इस समय चर्चा में आये

इस भयंकर बिमारी के बाद भी उन्होंने अपने जीवन से हार नहीं मानी, वे आखिरी तक डटे रहे। 1988 में हॉकिंग तब सबसे ज्यादा चर्चा में आये थे, जब उनकी पहली पुस्तक 'ए ब्रीफ हिस्ट्री ऑफ टाइम: फ्रॉम द बिग बैंग टु ब्लैक होल्स' मार्केट में रिलीज हुई थी। कहा जाता है कि इस पुस्तक की 1 करोड़ से ज्यादा प्रतियां बिकी थीं।

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