-वोटर लिस्ट में नाम सत्यापन के नाम पर चल रहा खुलेआम पैसा

-आई नेक्स्ट ने स्टिंग कर किया खुलासा

-उप जिला निर्वाचन अधिकारी के नाक के नीचे चल रहा खेल

-नामांकन के लिए जरूरी है वोटर लिस्ट सत्यापन

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निष्पक्ष चुनाव का दम भरने वाले उप जिला निर्वाचन अधिकारी की नाक के नीचे ही करप्शन का खेल चल रहा है। पंचायत चुनाव में दम दिखाने वाले प्रत्याशियों से वोटर लिस्ट में नाम सत्यापित कराने के नाम पर जमकर वसूली की जा रही है। वोटर लिस्ट में सिर्फ नाम देखने और एक कागज देने के नाम पर 100 से 500 रुपए तक वसूला जा रहा है। पैसे का यह खेल विकास भवन में खुलेआम चल रहा है। आई नेक्स्ट ने एक स्टिंग कर नामांकन से चल रहे इस पूरे खेल का खुलासा किया।

जेब गर्म करो तभी मिलेगी लिस्ट

पंचायत चुनाव को लेकर गांव-गांव में प्रचार-प्रसार तेजी से चल रहा है। पहले और दूसरे चरण का नामांकन भी खत्म हो चुका है। जिसमें सैकड़ों कैंडिडेट्स पर्चा दाखिल कर जोर-आजमाइश कर रहे हैं। पर्चा दाखिल करने से पहले वोटर लिस्ट में नाम सत्यापित कराना जरूरी है। इसके लिए प्रत्याशी और उनके प्रस्तावकों की नाम सत्यापन के लिए विकास भवन के चतुर्थ तल में भीड़ लग रही है। मगर वहां बिना जेब गर्म किए नाम का सत्यापन तो दूर वोटर लिस्ट भी देखने को नहीं मिलती। सत्यापन के लिए लगाए गए कर्मचारी खुलेआम पैसा लेकर वोटर लिस्ट दिखाने के साथ नाम का सत्यापन कर रहे हैं।

100, 150 नहीं 500 दो

विकास भवन के चतुर्थ तल पर दाखिल होते ही बाएं तरफ एक रूम है। जहां वोटर लिस्ट में नाम सत्यापन का काम चल रहा है। शनिवार को कमरे के चारों ओर भीड़ लगी थी। आई नेक्स्ट रिपोर्टर भी खुफिया कैमरा लेकर कमरे में दाखिल हो गया। कमरे में बैठे दो कर्मचारी कुर्सी पर वोटर लिस्ट देखकर नाम का सत्यापन कर रहे थे तो चार कर्मचारी जमीन पर बैठ कर वोटर लिस्ट तलाश रहे थे। वहां मौजूद हर शख्स अपनी नाम चेक करने के लिए वोटर लिस्ट मांग रहा था। मगर कर्मचारी वोटर लिस्ट दिखाने से पहले पैसा मांग रहे थे। किसी से 100 रुपए, किसी से 200 रुपए तो किसी से 500 रुपए। पैसा देते ही वोटर लिस्ट में नाम चेक करने के साथ सत्यापित किया जा रहा था। कर्मचारी खुलेआम पैसा ले रहे थे। पैसा न देने पर वे प्रत्याशी या उनके प्रस्तावकों को वोटर लिस्ट नहीं दिखा रहे थे।

वर्जन-

चुनाव से संबंधित किसी भी काम में अगर कोई एक्स्ट्रा पैसा ले रहा है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

विशाख जी, सीडीओ