- जनेश्वर मिश्र ट्रस्ट में विपक्ष के नेता करेंगे ईवीएम पर चर्चा

- कई दल होंगे शामिल, बसपा के शामिल होने पर संशय

LUCKNOW :

ईवीएम में गड़बडि़यों को लेकर शनिवार को विपक्ष के नेता लामबंद होकर आंदोलन की रणनीति तय करेंगे। पूर्व मुख्यमंत्री एवं सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देश पर पार्टी प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम ने जनेश्वर मिश्र ट्रस्ट में सभी प्रमुख विपक्षी दलों के नेताओं को इस मामले पर चर्चा करने के लिए बुलाया है। दरअसल, निकाय चुनाव में शहरों में भाजपा को मिली जीत के बाद यह मामला फिर गर्मा गया है। सपा विपक्षी दलों की मदद से इसके खिलाफ आंदोलन छेड़ने की तैयारी में हैं।

बसपा को लेकर संशय

सूत्रों की मानें तो कांग्रेस, रालोद, लोकदल, सीपीआई आदि दलों के नेता इसमें शामिल हो सकते हैं। फिलहाल बहुजन समाज पार्टी ने इसमें हिस्सा लेने को लेकर अपने पत्ते नहीं खोले हैं। निकाय चुनाव में दो शहरों में बसपा के महापौर बनने के बाद पार्टी के हौसले एकबार फिर बुलंद होते नजर आ रहे हैं जिसकी वजह से वह संयुक्त मोर्चे जैसी किसी गतिविधि में शामिल होने से बच रही है। वहीं कांग्रेस के नेताओं द्वारा इस चर्चा में शामिल होने के संकेत मिले हैं। वहीं विधानसभा चुनाव में बुरी तरह हार का सामना करने वाली रालोद को यह सरकार को घेरने का मुफीद मौका नजर आ रहा है। हालांकि गुजरात चुनाव के बाद इस मुद्दे पर कांग्रेस के तेवर कुछ ढीले पड़े हैं, अब देखना यह है कि अपने सहयोगी दल सपा का इस मुद्दे पर वह कितना साथ देती है।

विधानसभा चुनाव से शुरू हुआ विवाद

दरअसल सूबे में विधानसभा चुनाव में भाजपा को अप्रत्याशित बहुमत मिलने के बाद विपक्ष ने हार का ठीकरा ईवीएम पर फोड़ना शुरू कर दिया था। सपा ने इसकी खुलकर मुखालफत की। सपा नेताओं का कहना था कि ईवीएम की गड़बड़ी की वजह से उनके वोट भी भाजपा के खाते में चले गये। सोशल मीडिया पर भी सपा ने इसके खिलाफ कई दिनों से मुहिम छेड़ रखी है। निकाय चुनाव में भाजपा को शहरों में मिली जीत ने आग में घी डालने का काम किया और सपा ने खुलेआम यह प्रचार करना शुरू कर दिया कि जिन जगहो पर बैलेट से वोट डाले गये, वहां भाजपा को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा जबकि ईवीएम वाली जगहों पर वह भारी मतों से जीती।

लामबंदी के बजाय पश्चाताप करे विपक्ष

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ। महेंद्र नाथ पांडे ने कहा कि सपा समेत विपक्ष ईवीएम के खिलाफ लामबंदी करने के बजाय भ्रष्टाचार, तुष्टीकरण, अपराधी संरक्षण एवं जनविरोधी नीतियों पर आत्मावलोकन करके पश्चाताप करे। उन्होंने ईवीएम के विरोध में होने वाली बैठक पर कहा कि आस्ट्रेलिया में पढ़े-लिखे और लैपटॉप के हिमायती रहे अखिलेश यादव का ईवीएम विरोध समझ से परे है। विपक्ष विचार शून्य होकर सिर्फ विरोध करने के लिए विरोध करना चाहता है। हकीकत यह है कि चुनाव आयोग द्वारा ईवीएम में गड़बड़ी साबित करने के लिए खुला आमंत्रण दिये जाने पर विपक्ष पहुंचा ही नहीं था।