SARAIKELA: पृथ्वी दिवस के अवसर पर कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में नुक्कड़ नाटक का आयोजन किया गया। वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन सरायकेला वन प्रमंडल की ओर से आयोजित कार्यक्रम में वन कर्मियों ने स्वयं नुक्कड़ नाटक के माध्यम से स्कूली छात्राओं को पृथ्वी संरक्षण का संदेश दिया। नाटकीय ढंग से प्राचीन युग से आधुनिक युग तक हुए परिवर्तन को दर्शाया गया। इस दौरान बताया गया कि कल-कारखाने, प्लास्टिक गिलास, थर्मोकल के प्लेट, पोलिथीन के साथ साथ पेड़ों की कटाई के कारण किसी प्रकार से पर्यायपरण को नुकसान हो रहा है। यदि समय रहते पर्यावरण का संरक्षण नही किया गया तो भविष्य में पृथ्वी की स्थिति क्या होगी, इसको भी नाटकीय ढंग से दिखाया गया। बताया गया कि पेड़-पौधे का यदि संरक्षण नहीं किया गया तो आने वाले दिनों में सभी बीमार होकर मर जाएंगे। वन कर्मियों व स्कूली छात्राओं ने प्रत्येक वर्ष पांच पेड़ों का रोपन व पालन पोषण करने के साथ पांच वृक्ष लगाकर अपच्े बच्चों को का जन्मदिन मनाने को शपथ लिया। इस अवसर पर डीएफओ ए एक्का, वनपाल दिलीप कुमार मिश्रा, स्कूल की वार्डन अंजु आल्डा, सहायक शिक्षिका लक्ष्मी बोदरा, सरिता बिरूली, श्रावंती डे, बविता हो, त्रिदीप महतो, दुखीया बास्के, सुनील जरीका, अमित मार्डी आदि मौजूद थे।

पृथ्वी दिवस के अवसर पर विशेष रूच् से बच्चों को जागरूक करने का प्रयास किया जा रहा है, इससे दूरगामी लाभ मिलेगा। ग्लोगल वार्मिंग के कारण पृथ्वी को नुकसान हो रहा है, इसलिए ज्यादा से ज्यादा पेड़ पौधे लगाने व संरक्षण करने की आवश्यकता है। रैयतदार भी अपने जमीन में लगे पेड़ों को काटने के बजाय संरक्षण करें। लोग प्रकृति से जुड़े व संरक्षण के लिए जागरूक हो। इस बार विभाग की ओर से जिले के विभिन्न क्षेत्र में करीब 30 हजार पौधे लगाए जाएंगे।

-ए। एक्का, डीएफओ, सरायकेला