- सात अधिकारियों को ट्रांसफर, सीएम की पहली कार्रवाई से महकमे में हड़कंप
- प्रधानमंत्री आवास योजना के काम में तेजी लाने के दिए निर्देश
- अधिकारियों को कार्यप्रणाली में सुधार लाने की दी चेतावनी
GORAKHPUR: प्रदेश सरकार के चार माह बाद सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ पहली बार एक्शन में नजर आए। महराजगंज में गुरुवार को हुई समीक्षा बैठक के दौरान कार्यप्रणाली न सुधरने पर उन्होंने लापरवाह दो एसडीएम समेत 11 अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया। वहीं सात अधिकारियों के ट्रांसफर का भी फरमान सुनाया। सीएम की पहली और इस बड़ी कार्रवाई पर महराजगंज ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश में हड़कंप मच गया है। सीएम की इस कार्रवाई से उनके होम डिस्ट्रिक्ट के अधिकारी भी सहम गए हैं।
शासन की प्राथमिकता में रुचि नहीं
समीक्षा के दौरान जिम्मेदारों ने सीएम को बताया कि कुछ अधिकारी शासन के शीर्ष प्राथमिकता वाले प्रोग्राम में भी इंटरेस्ट नहीं दिखा रहे हैं। वहीं कुछ थानाध्यक्ष भी विवेचना का निस्तारण तेजी से नहीं कर रहे हैं। थानों पर भी पीडि़तों की सुनवाई नहीं हो रही है और उन्हें बेवजह दौड़ाया जा रहा है। विधायकों की ओर से दिए गए फीडबैक को सीएम ने गंभीरता से लेते हुए डीएम वीरेंद्र कुमार सिंह और एसपी आरपी सिंह से सवाल-जवाब किया।
इन पर गिरी गाज -
गिरीश चंद्र श्रीवास्तव, डिप्टी एसडीएम
विक्रम सिंह, एसडीएम नौतनवा
विनोद कुमार राव, थानाध्यक्ष पुरंदरपुर
चंद्रेश यादव, थानाध्यक्ष फरेंदा
डॉ। ठाकुर शैलेश कुमार सिंह, कैजुअल्टी मेडिकल ऑफिसर
संजय श्रीवास्तव, खंड विकास अधिकारी सिसवा
रवि सिंह, वित्त व लेखाधिकारी बेसिक शिक्षा
मो। मुज्जिमिल, जिला कृषि अधिकारी
बीएन ओझा, अधिशासी अभियंता लोक निर्माण
डॉ। अरशद कमाल, डॉ। बाजपेयी
इनके ट्रांसफर के निर्देश
अशोक कुमार मौर्या, डीसी एनआरएलएम
गायत्री देवी, प्रभारी जिला कार्यक्रम अधिकारी
ज्ञानेंद्र कुमार सिंह, अपर मुख्य अधिकारी
अमित तिवारी, जिलापूर्ति अधिकारी
सुधीर कुमार सिंह, थानाध्यक्ष पनियरा
श्रीकांत राय, थानाध्यक्ष श्यामदेउरवा
रमाकर यादव, थानाध्यक्ष कोठीभार