- संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले एमडी ऑफिस के बाहर किया धरना-प्रदर्शन

Meerut : पॉवर प्राइवेटाइजेशन के विरोध में ऊर्जा भवन ऐसा सहमा कि एमडी समेत किसी भी अधिकारी और कर्मचारी के ऑफिस ही नहीं खुले। कई सौ कर्मचारियों और अधिकारियों ने संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर में एमडी ऑफिस के बाहर दिन भर धरना-प्रदर्शन किया। साथ ही किसी भी की कीमत पॉवर प्राइवेटाइजेशन करने देने की बात ही। वहीं कई कर्मियों ने जुलूस निकालकर अपना विरोध भी जाहिर किया।

कर्मचारी ने की हड़ताल

बिजली विभाग के निजीकरण की सुगबुगाहट के बीच सोमवार को जनपद के बिजली कर्मचारी हड़ताल पर रहे। हड़ताली कर्मचारियों ने पूरे दिन कोई काम नहीं किया। कर्मचारियों ने निजीकरण को उपभोक्ताओं और विभागीय कर्मचारियों दोनों के लिए अहित कर बताया। ऊर्जा भवन में धरना प्रदर्शन में वक्ताओं ने कहा कि अगर निजीकरण हुआ तो उपभोक्ताओं के साथ-साथ विभागीय कर्मचारियों को भी दिक्कत का सामना करना पड़ेगा। मंहगी बिजली के साथ कर्मचारियों को दिन-रात काम के लिए विवश किया जाएगा।

दिन भर रही बिजली

बिजली कर्मचारियों की हड़ताल और बिजली कटौती की मार शहर की जनता को भोगनी पड़ी। कई बार पब्लिक ऑफिसों मे फोन करती रही। लेकिन किसी ने भी फोन उठाने का कष्ट नहीं किया। वहीं बिजली कटौती ने भी लोगों का पसीना छुड़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। सुबह से जो सिलसिला शुरू हुआ वो देर रात दो बजे तक चालू रहा। सुबह 9 बजे लाइट जाने के बाद सवा ग्यारह बजे बिजली आई। फिर डेढ़ लाइट जाने के बाद दोपहर चार बजे फिर लाइट ने धोखा दे दिया। हद तो तब हो गई जब शाम 7:क्भ् बजे कटौती की गई। लाइट फिर 9:क्भ् बजे के बाद आई। जब लगा कि अब लाइट नहीं जाएगी और पूरी रात आराम से सोया जाएगा। रात क्क् बजे फिर कटौती की गई। उसके बाद देर रात दो बजे लाइट आने की सूचना प्राप्त हुई।