RANCHI : डीड राइटर्स के काम पर नहीं आने का असर प्लॉट और फ्लैट के रजिस्ट्रेशन पर साफ दिख रहा है। रांची जिले के पांचों रजिस्ट्री ऑफिस में जहां आम दिनों में सौ से ज्यादा जमीन व फ्लैट की रजिस्ट्री होती थी, वहीं गुरुवार को मात्र आठ रजिस्ट्री ही हो सकी। गौरतलब है हाईकोर्ट के आदेश के बाद जमीन के रजिस्ट्रेशन के लिए जो दस्तावेज जरूरी कर दिए गए हैं, उनकी आसानी से उपलब्धता नहीं होने की वजह से रजिस्ट्री का काम प्रभावित हो रहा है। रजिस्ट्री ऑफिस में जमीन व फ्लैट के रजिस्ट्रेशन का ग्राफ काफी गिर गया है। ऐसे में डीड राइटर्स के काम पर भी असर पड़ रहा है।

रजिस्ट्रेशन पर असर

गुरुवार को पूरे झारखंड में मात्र 122 जमीनों व फ्लैट की रजिस्ट्री हुई, जबकि आम दिनों में कम से कम 3200 रजिस्ट्री हुआ करती थी। डीड राइटर्स के काम बंद कर देने की वजह से पूरे राज्य में रजिस्ट्री लगभग ठप सी हो गई है। डीड राइटर्स कब तक काम बंद रखेंगे, इसकी कोई घोषणा नहीं की है। ऐसे में आनेवाले दिनों में रजिस्ट्री का काम और प्रभावित होने की संभावना है।

रोजी-रोटी पर आफत

झारखंड दस्तावेज नवीन संघ के अध्यक्ष पुष्कर साहू ने बताया कि हाईकोर्ट ने जमीन के रजिस्ट्रेशन के लिए जिन दस्तावेजों को कंपल्सरी कर दिया है, वह यहां उपलब्ध नहीं है। सरकार की ओर से न तो खाता पुस्तिका उपलब्ध कराई गई है और न ही बिहार से जमीन का नक्शा झारखंड वापस आया है। जमीन के खरीदार-विक्रेता के पास भी दस्तावेज अप-टू-डेट नहीं हैं। रजिस्ट्रार भी हाईकोर्ट के आदेश को देखते हुए रजिस्ट्री करने में काफी सावधानी बरत रहे हैं। ऐसे में रजिस्ट्री नहीं के बराबर हो रही है, जिसका असर हमारे काम-काज पर पड़ रहा है। आमदनी गिर गई है और रोजी-रोटी पर भी आफत आ गई है।

जमीन की रजिस्ट्री के लिए इसे कर दिया गया है जरूरी

- जमीन का खाता पुस्तिका होना चाहिए

- जमीन का ऑरिजनल मैप होना चाहिए,

-सरकारी अमीन का जमीन की सर्टिफाइड कॉपी पर सिग्नेचर होना चाहिए

- जमीन का ऑरिजनल डॉक्यूमेंट्स को भी दिखाना है जरूरी

-जिस आदमी के नाम से जमीन की खरीद या बिक्री हो रही है, उसके नाम से जमीन का म्यूटेशन होना चाहिए।

रजिस्ट्री में आ रही हैं ये दिक्कतें

- जमीन का सर्टिफिकेशन सरकारी अमीन द्वारा किया जाना चाहिए। आखिर सरकारी अमीन कितने लोगों की जमीन का सर्टिफिकेशन कर सकता है।

2- अब रजिस्ट्रार रजिस्ट्री के समय जमीन का ऑरिजनल मैप मांग रहे हैं, जो कि यहां किसी के पास नहीं है। इसकी वजह बिहार सरकार द्वारा झारखंड को नक्शा नहीं सौंपा जाना है।

3- जमीन की रजिस्ट्री के लिए खाता-पुस्तिका जरूरी है, लेकिन राज्य सरकार की ओर से अबतक किसी को भी खाता पुस्तिका उपलब्ध नहीं कराया गया है। ऐसे में आखिर लोग जमीन की रजिस्ट्री के लिए कहां से खाता-पुस्तिका लाएंगे।

4- जो जमीन की बिक्री करना चाहता है, उसके नाम से जमीन का म्यूटेशन होना जरुरी है। लेकिन, जब कोई जल्दी मे जमीन बेचना चाहता हो तो वह आखिर कैसे उसका म्यूटेशन करा सकता है।