मुख्यमंत्री को लिया था निशाने पर
मध्यप्रदेश में इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे 19 वर्षीय अभिषेक कुमार मिश्र को नोटबंदी का विरोध करना भारी पड़ गया। अभिषेक ने नोटबंदी के खिलाफ सोशल मीडिया पर एक पोस्ट की जो थोड़ी आपत्तिजनक थी। बस फिर क्या लोगों को यह पोस्ट रास नहीं आई और अभिषेक को जेल जाना पड़ा। अभिषेक के उस पोस्ट में मुख्यमंत्री समेत और कई गणमान्य लोगों के लिए अपमानजनक बातें लिखी थीं। मध्यप्रदेश के छतरपुर में रहने वाले अभिषेक को 12 नवम्बर को उसके हॉस्टल से पुलिस ने गिरफ्तार किया था। अगले ही दिन उसे बेल पर छोड़ दिया गया। पुलिस ने उस पर भारतीय दंड संहिता की धारा 469 के तहत प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने, जालसाजी और इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट 2000 के 66C के तहत पहचान चोरी करने के आरोप में मुक़दमा दर्ज किया था।

अभिषेक खुद को बताता है आरटीआई एक्टीविस्ट
पुलिस ने अभिषेक का लैपटॉप और मोबाइल फोन सहित सभी इलेक्ट्रानिक सामान सीज कर लिया है। और उसके द्वारा किए गए आपत्तिजनक पोस्ट को डिलीट कर दिया। अभिषेक की शिकायत सीएम ऑफिस में काम करने वाले एक कर्मचारी ने की थी। आपको बताते चलें कि अभिषेक खुद को वीडियोमेकर और आरटीआई एक्टिविस्ट बताता है। इसके ट्विटर पर सोलह हज़ार फॉलोवर्स हैं।

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