-रोहनिया के प्राइवेट स्कूल में सातवीं क्लास की स्टूडेंट ने उठाया कदम

-स्कूल में ही पढ़ने वाला छात्र हर रोज करता था छेड़छाड़

VARANASI

पुलिस लेडीज की सिक्योरिटी के लाख दावे करे लेकिन सच्चाई बेहद खौफनाक है। लेडीज के साथ आए दिन घटनाएं हो रही हैं। ऐसी ही घटना में छात्रा को जान गंवानी पड़ी। रोहनिया थाना क्षेत्र में छेड़खानी से आजिज छात्रा ने जहर खाकर जान दे दी। उसने ऐसा कदम अचानक से नहीं उठा लिया। स्कूल का ही एक स्टूडेंट उसके साथ हर रोज छेड़खानी करता था। इसकी शिकायत उसने स्कूल से लेकर अपने घर तक में की। इस पर लगाम नहीं लगने पर उसने जान दे दिया। परिजनों ने स्कूल के टीचर पर भी छेड़छाड़ का आरोप लगाया है।

रोहनिया थाना क्षेत्र के बाबूराम का पूरा (पनियरा) निवासी 14 वर्षीय छात्रा कचहरिया में एक निजी स्कूल में कक्षा सातवीं में पढ़ती थी। आरोप है कि उसी स्कूल में कक्षा 11वीं में पढ़ने वाला आही बंधवा गांव निवासी छात्र उसके साथ छेड़खानी करता था। इसकी जानकारी परिजनों को मिली तो उन्होंने स्थानीय पुलिस व स्कूल प्रबंधन तक से शिकायत की। किसी ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। छात्र पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं होने पर उसकी हरकतें बढ़ने लगीं। छात्रा के साथ छेड़खानी की घटना हर रोज होने लगी।

स्कूल में हुआ झगड़ा

शुक्रवार को छात्रा स्कूल पढ़ने गई तो छात्र ने एक बार फिर उसके सात छेड़खानी की। छात्रा ने इसका विरोध किया। स्कूल कैम्पस में ही दोनों के बीच जमकर कहासुनी हुई। टीचर्स ने बीच-बचाव करके दोनों को अलग किया। इसके बावजूद छात्र के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गयी। क्षुब्ध छात्रा ने संदिग्ध परिस्थितियों में जहरीली पदार्थ खा लिया। घर लौटते समय उसकी हालत बिगड़ने लगी। उसी स्कूल में दसवीं कक्षा में पढ़ने वाला उसके भाई को पता चला तो जैसे-तैसे घर लेकर पहुंचा। परिजन छात्रा को राजातालाब स्थित एक निजी अस्पताल में ले गए जहा चिकित्सकों ने भर्ती करने से मना कर दिया। हालत बिगड़ता देख परिजनों ने भदवड़ स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया जहां इलाज के दौरान देर रात उसकी मौत हो गई।

(अंदर की खबर)

'बेटी' की मौत का कौन जिम्मेदार?

-स्कूल प्रबंधन और पुलिस से शिकायत के बावजूद किसी ने नहीं लिया संज्ञान

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छेड़खानी से आजीज एक छात्रा का जान देना कोई साधारण घटना नहीं बल्कि हमारे सभ्य कहे जाने वाले समाज के लिए जोरदार तमाचा है। जो लेडीज को आज भी उपभोग की वस्तु समझता है। यही वजह थी कि बार-बार शिकायत के बावजूद भी को छात्रा को छेड़खानी से बचाने के लिए गंभीर नहीं हुआ। उसने स्कूल प्रबंधन से शिकायत की, पुलिस के पास गुहार लगायी। जब कहीं न्याय नहीं मिला तो अपने सम्मान को बचाने के लिए शायद उसने जान देना ही बेहतर समझा। वह सिर्फ मां-बाप की नहीं पूरे समाज की बेटी थी लेकिन किसी ने उसके सम्मान की रक्षा करना जरूरी नहीं समझा।

तहरीर का इतंजार

मृतका एक भाई व बहन थी। घटना के बाद परिवारवालों का रो-रोकर बुरा हाल था। उनका आरोप है कि यदि मामले में गंभीरता दिखाई गई होती तो बेटी बच गई होती। उनका आरोप पूरी तरह जायज लगता है। इस पूरे मामले पर सीओ सदर अंकिता सिंह का कहना है कि मामले की जांच के बाद आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। आरोपी छात्र मिर्जापुर जिले के बंधवा गांव के थाना कछवां का रहने वाला है। पुलिस देर तक लिखित शिकायत का इंतजार करती रही ताकि एफआईआर दर्ज करके आगे की कार्रवाई की जा सके।

चाहिए कुछ सवालों के जवाब

-छात्रा के परिवार का दावा है कि स्कूल प्रबंधन को मामले की जानकारी थी तो उसने छेड़खानी करने वाले छात्र के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की गयी?

-क्या छात्रा के परिजनों की तरफ से छेड़खानी करने वाले छात्र के खिलाफ थाने में तहरीर दी गयी थी?

-छात्रा की मौत के बाद पुलिस को लिखित तहरीर के लिए क्यों करना पड़ा देर तक इंतजार?

-कई दिनों से हो रही छेड़खानी परेशान छात्रा शुक्रवार को जहरीला पदार्थ लेकर स्कूल क्यों गयी थी?

-उसने स्कूल में जहरीला पदार्थ खाया तो वहां किसी को पता क्यों नहीं चला?

-बहन की हालत बिगड़ने के बाद भाई उसे हॉस्पिटल ले जाने की बजाय घर क्यों ले गया?