-प्रोफेसर के खिलाफ शिकायत लेकर डायरेक्ट के पास पहुंचे छात्र

-डायरेक्टर ने कहा, सभी छात्रों की समस्याएं सुनेंगे

आईआईआईटी के शोध छात्र रहे परमात्मा यादव की मौत की गुत्थी सुलझाने के लिए डायरेक्ट प्रो। नागभूषण ने कमेटी गठित कर दी है। उनका कहना है कि जांच कमेटी परमात्मा के परिवार के सदस्यों के साथ छात्रों से बात करके अपनी रिपोर्ट तैयार करेगी। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट से एक्सक्लूसिव बातचीत में उन्होंने कहा कि इस घटना के लिए यदि प्रोफेसर जिम्मेदार हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई जरूर होगी।

आठ माह पहले हुई थी शादी

गोरखपुर जनपद के छपरा थाना क्षेत्र के महावीर गांव के रहने वाले वीरेन्द्र यादव का बेटा परमात्मा यादव की आठ माह पहले धूमधाम से पिंकी नामक लड़की से हुई थी। शादी के बाद पत्‍‌नी और मां के साथ परमात्मा झलवा आकर यहां एक किराए के मकान में रह रहा था। उसने एमसीए के बाद पुडुचेरी यूनिवर्सिटी से एमटेक किया था। इसके बाद जेआरएफ क्लीयर करने के बाद आईआईआईटी में आया था। साथियों के अनुसार वह बेहद मेरिटोरियस छात्र था। शर्मिले स्वभाव का होने के चलते वह किसी से कम ही घुलता मिलता था। वह बेहद सीधा था। परिवार को लेकर कोई ऐसा विवाद मंगलवार को सामने नहीं आया जिससे लगे कि उसने विवादों के चलते यह कठोर कदम उठाया।

नहीं कराया था नोड्यूज

मंगलवार को डायरेक्टर प्रोफेसर पी नागभूषण ने यूएस तिवारी की देखरेख में कमेटी गठित कर दी। उन्होंने दैनिक जागरण आई नेक्स्ट से कहा कि कमेटी यह जांच भी करेगी कि जब छात्र का कोर्स जून में ही कम्प्लीट कर चुका था तो उसकी मार्कशीट क्यों रोकी गई थी। इसके लिए गाइड किस हद तक जिम्मेदार हैं। उधर, कंडोलेंस सभा में जुटे छात्रों का कहना था कि इस पूरे मामले को दबाने और अपनी तरह से मूव कराने के लिए संस्थान के ही प्रभावशाली लोग लगे हुए हैं। इन सभी को बेनकाब किया जाना चाहिए। उनका कहना था कि दस्तावेज रोक लिए जाने के चलते ही परमात्मा कहीं जॉब ज्वाइन नहीं कर पा रहा था क्योंकि हर संस्थान उससे दस्तावेज की मांग कर रहे थे। इसी के चलते वह बेहद टेंशन में था।

छात्रों की हर समस्या सुनी जाएगी। जांच कमेटी गठित कर दी गई है। उसकी रिपोर्ट में यदि गाइड दोषी पाए जाते हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई जरूर की जाएगी।

-प्रो। पी नागभूषण

डायरेक्टर, आईआईआईटी

परमात्मा ने खुद कभी अपने दस्तावेज की डिमांड नहीं की थी। नो ड्यूज का प्रोसेस कम्प्लीट न होने के बाद उसके दस्तावेज जमा थे। उसके साथ जबरदस्ती की बात गलत है।

-प्रो। अनुपम

आईआईआईटी