-'द इवनिंग स्टोरी' में है रेड लाइट एरिया की पूरी दास्तां
-14 साल की उम्र में लिखी थी पहली बुक 'लाइफ ऑफ एन सोल्जर'
-अब तक 'लाइफ ऑफ एन सोल्जर' की बिक चुकी हैं 40 हजार प्रतियां
-पिता से मिले इंस्पिरेशन के बाद अनुराग ने हासिल किया यह मुकाम
JAMSHEDPUR : सिटी के अनुराग कुमार तिवारी ने महज क्म् साल की उम्र में दो बुक लिख डाली। उसकी लिखी एक बुक धूम मचा रही है वहीं दूसरी भी पब्लिश होने के लिए तैयार है। कदमा स्थित केरला पब्लिक स्कूल के स्टूडेंट अनुराग कुमार तिवारी साइंस का स्टूडेंट है। अनुराग ने अपनी दूसरी बुक में रेड लाइट एरिया की बारिकियों को शब्द के रुपए में उकेरने की कोशिश की। उसकी अपकमिंग बुक 'द इवनिंग स्टोरी' में उन इन्नोसेंट गर्ल्स की कहानी है जो इस रेड लाइट एरिया का हिस्सा बन गई हैं।
क्भ्0 रेड लाइट एरिया का िकया विजिट
इस बुक को लिखने के लिए अनुराग ने स्कूल से एक साल का लीव लिया। इसके बाद उसने दिल्ली, कोलकाता, बलिया, मुजफ्फरपुर, चंडीगढ़ सहित देश के करीब क्भ्0 रेड लाइट एरिया का विजिट किया और वहां की सिचुएशन को देखा व समझा। बुक में उन लड़कियों की दास्तान है जो कहीं से यहां लाई गई हैं।
पिता के सपोर्ट से बढ़ा आगे
अनुराग ने बताया कि क्म् साल की एज में स्कूल छोड़कर इस तरह के काम में हाथ डालना कोई आसान काम नहीं था, लेकिन पिता के सपोर्ट की वजह से कोई परेशानी नहीं हुई। अनुराग ने कहा कि उनके पिता का मानना है कि रियल नॉलेज कभी भी पढ़ाई से नहीं आ सकता है। उसके पिता आर्म्ड फोर्स (सीआरपीएफ) में हैं। अनुराग ने क्ब् साल की उम्र में ही 'लाइफ ऑफ एन सोल्जर' बुक लिखी थी। इसका उन्हें काफी बेहतर रिस्पांस मिला। अब तक इस बुक की करीब ब्0 हजार प्रतियां बिक चुकी हैं।
मैं बहुत से रेडलाइट एरिया में घूमा। इसके बाद यह सोचने पर मजबूर हो गया आखिर उस देश में कोई उन लड़कियों के साथ ऐसी बदसलूकी क्यों करता है, जहां उन्हें देवी मान कर पूजा जाता है।
-अनुराग तिवारी, ऑथर